सार
एसआईटी की चार्जशीट 1300 पन्नों की है। चार्जशीट दाखिल होने के बाद चारों आरोपियों के खिलाफ हत्या, बलवा, आगजनी आदि धाराओं में मुकदमा चलेगा। चारों आरोपियों पर तीन लोगों की पीट-पीट कर हत्या करने का आरोप है।
धर्मेंद्र राजपूत
लखीमपुर खीरी : तिकुनियां हिंसा (Tikunia case) मामले में विवेचक ने किसानों (Farmers) पर दर्ज हत्या समेत अन्य संगीन धाराओं के मुकदमे में शुक्रवार को चार आरोपी किसानों के खिलाफ आरोप पत्र सीजेएम की अदालत में दाखिल किया है, जिसमें तीन आरोपियों के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं मिला है। एसआईटी की चार्जशीट 1300 पन्नों की है। चार्जशीट दाखिल होने के बाद चारों आरोपियों के खिलाफ हत्या, बलवा, आगजनी आदि धाराओं में मुकदमा चलेगा। चारों आरोपियों पर तीन लोगों की पीट-पीट कर हत्या करने का आरोप है।
तीन अक्तूबर को तिकुनियां में किसान संयुक्त मोर्चा के नेतृत्व में बड़ी तादात में किसान तीन कृषि कानून और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के किसानों के प्रति दिए गए बयानों से नाराज होकर प्रदर्शन कर रहे थे और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के पैतृक गांव बनवीरपुर में उनके पिता की स्मृति में हो रहे दंगल में आने उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या को आना था। इस वजह से किसान काला झंडा लेकर तिकुनियां में विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। किसानों ने हैलीपैड पर भी कब्जा कर लिया था। दोपहर बाद उपमुख्यमंत्री की अगवानी के लिए बेलरायां की तरफ जा रहे काफिले में चल रही केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्र की महिंद्रा थार गाड़ी से कुचलकर चार किसानों व एक पत्रकार की मौत हो गई थी। इसके बाद भड़की हिंसा में प्रदर्शनकारी किसानों की भीड़ में शामिल कुछ लोगों ने तीन भाजपा कार्यकर्ताओं की पीटकर हत्या कर दी थी। इस प्रकरण में दो मुकदमें दर्ज हुए थे। पहला मुकदमा मृतक किसानों के परिजनों ने केंद्रीय मंत्री के बेटे आशीष मिश्र व अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज कराया था। पुलिस ने इसे दुर्घटना की धारा में दर्ज किया था। साथ ही अन्य कई धाराएं भी लगाईं थी। दूसरा मुकदमा सभासद भाजपा नेता सुमित मोदी की तहरीर पर अज्ञात किसानों के खिलाफ हत्या सहित कई अन्य धाराअों में दर्ज हुआ था। तिकुनियां हिंसा की चिंगारी से देश की राजनीति गरमा गई थी। सत्ता का दुरुपयोग होने और निष्पक्ष जांच होने पर सवाल उठने लगे थे। सुप्रीम कोर्ट ने मामले को संज्ञान लिया था। वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की गठित स्पेशल जांच टीम की निगरानी में जांच कराई थी।
एसआईटी ने किसानों की हत्या के मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्र, सुमित मोदी, अंकित दास सहित 13 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। केस के विवेचक विद्याराम दिवाकर ने तीन जनवरी को इस मामले में पांच हजार पन्ने की चार्जशीट दाखिल की थी। जिसमें एसआईटी ने सोची समझी साजिश मानते हुए मामला हत्या का पाया था। इस पर एसआईटी ने हादसे में मौत होने सहित कुछ अन्य धाराएं हटाईं गईं थी और हत्या समेत अन्य धाराएं बढ़ाईं थीं। सभी आरोपी जेल में हैं। उधर विवेचक ने भाजपा नेता सभासद सुमित जासवाल की तरफ से दर्ज कराई गई रिपोर्ट मामले में सात लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। सभी आरोपी जेल में हैं। शुक्रवार की सुबह विवेचक एसके पाल ने सीजेएम की कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। चार्जशीट में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा के ड्राइवर हरिओम मिश्रा समेत तीन कार्यकर्ताओ की पीट-पीटकर हत्या और वाहनों में तोड़फोड़-आगजनी के मामले में गिरफ्तार सात आरोपियों में से तीन आरोपी निर्दोष पाए गए हैं। एसआईटी ने अपनी जांच में 1300 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें विवेचक ने सरदार विचित्र सिंह निवासी गोगावां थाना भीरा, गुरविंदर सिंह निवासी मुकारिमपुर अलीगंज कोतवाली गोला, गुरप्रीत सिंह बंशीनगर थाना पलिया और कमलजीत सिंह पंछी फार्म बबौरा थाना पलिया पर हत्या, बलवा, आगजनी, तोड़फोड़ और उकसाने समेत कई धाराओं में चार्जशीट दाखिल की है, जबकि आरोपी रंजीत सिंह, अवतार सिंह और सोनू को जांच में निर्दोष पाया गया है। यह तीनों आरोपी जल्द जेल से रिहा हो सकते हैं।
एक नजर: तिकुनियां हिंसा में कब क्या हुआ
तीन अक्टूबर को तिकुनियां में केंद्रीय मंत्री की महिंद्रा थार से कुचलकर चार किसानों, एक पत्रकार की मौत। भड़की हिंसा में तीन भाजपा कार्यकर्ताअों की पीटकर हत्या। देर रात रिपोर्ट दर्ज
सात अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने घटना का स्वत: लिया संज्ञान। इसी दिन आशीष पांडेय व लवकुश गिरफ्तार। नौ अक्टूबर को क्राइम ब्रांच के सामने पेश होने आए आशीष मिश्र गिरफ्तार, आधी रात पुलिस ने जेल भेजा।
12 अक्टूबर: तिकुनियां में मृतक किसानों व पत्रकार की याद में अंतिम अरदास का कार्यक्रम हुआ। इसी दिन लखनऊ के कारोबारी अंकितदास की कार का चालक शेखर गिरफ्तार।
13 अक्टूबर को लखनऊ के कारोबारी अंकितदास और उनके गनर लतीफ ने आत्मसमर्पण किया।
15 अक्तूबर को एसआईटी ने अंकितदास के लखनऊ स्थित आवास से असलहे बरामद किए।
18 अक्तूबर को सभासद सुमित जासवाल समेत चार आरोपी गिरफ्तार।
19 अक्टूबर को काफिले में शामिल स्कापिर्यों को बरामद एसआईटी ने बरामद किया।
23 अक्तूबर को एसआईटी ने आरोपी मोहित, रिंकू और धर्मेंद्र को गिरफ्तार किया।
28 अक्टूबर को शासन ने डीएम अरविंद चौरसिया को हटाया।
09 नवंबर को बैलिस्टर रिपोर्ट में केंद्रीय मंत्री के बेटे आशीष की रायफल से गोली चलने की पुष्टि हुई।
12 नवंबर को शासन ने एसपी विजय ढुल को हटाया।
17 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ और हरियाणा हाईकोर्ट के सेवानिवृत जज को जांच सौंपी। जांच टीम में एडीजी एसबी शिरोडकर, आईजी पद्मजा चौहान और डीआईजी प्रीतिदंर सिंह शामिल हुए।
25 नवंबर को नवगठित जांट टीम लखीमपुर-खीरी पहुंची। तिकुनियां पहुंचकर घटना स्थल देखा।
29 नवंबर को डीआईजी प्रितिदंर सिंह ने खीरी पहुंचकर जांच शुरू की।
13 दिसंबर को एसआईटी ने सीजेएम की अदालत में अर्जी दी, जिसमें हादसे की धारा हटाकर जानबूझकर हत्या करने की धारा बढ़ाने की अपील की गई।
14 दिसंबर को सभी हत्यारोपियों पर हत्या व हत्या की कोशिश की धारा बढ़ाई गई।
20 दिसंबर को मुख्य आरोपी आशीष मिश्र समेत छह आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज हुई।
तीन जनवरी को स्पेशल जांच टीम ने सीजेएम की अदालत में पांच हजार पन्ने की चार्जशीट दाखिल की।