सार
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा, एक ओर सीएम योगी आदित्यनाथ ने संत समाज का मान बढ़ाया है। वहीं, चिन्मयानंद ने अपने कृत्य से इस समाज को अपमानित किया। यह कृत्य निंदनीय ही नहीं, अक्षम्य भी है।
प्रयागराज (Uttar Pradesh). यौन शोषण के आरोपी पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री चिन्मयानंद (73) को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने संत समाज से निष्कासित करने का फैसला किया है। 10 अक्टूबर को हरिद्वार में होने वाली अखाड़ा परिषद की बैठक में अखाड़ों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में इस फैसले पर मुहर लगेगी। बता दें, छात्रा के आरोप लगाने के बाद बीते शुक्रवार एसआईटी ने चिन्मयानंद को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें 4 अक्टूबर तक के लिए जेल भेज दिया।
महंत नरेंद्र गिरि ने कही ये बात
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा, एक ओर सीएम योगी आदित्यनाथ ने संत समाज का मान बढ़ाया है। वहीं, चिन्मयानंद ने अपने कृत्य से इस समाज को अपमानित किया। यह कृत्य निंदनीय ही नहीं, अक्षम्य भी है। ऐसे व्यक्ति को संत कहने का कोई औचित्य नहीं। इससे संत समाज की प्रतिष्ठा और मर्यादा को क्षति पहुंची है।
पहले भी लग चुका है यौन शोषण का आरोप
बता दें, चिन्मयानंद महा निर्वाणी अखाड़े का महामंडलेश्वर था। अयोध्या आंदोलन में उसने अहम भूमिका निभाई थी। जनवरी, 1986 में राम जन्मभूमि आंदोलन में वह संघर्ष समिति का संयोजक बना था। 2011 में उसके आश्रम की एक महिला ने उसपर यौन शोषण के आरोप भी लगाए थे।