सार

मैनपुरी उपचुनाव से पहले सीएम योगी ने चुनावी सभा में शिवपाल यादव पर जमकर निशाना साधा। इसके बाद सवाल खड़ा हो रहा है कि आखिर क्यों सीएम योगी अखिलेश यादव से ज्यादा शिवपाल यादव पर हमलावर हैं। 

मैनपुरी: यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ बीते दिनों मैनपुरी में उपचुनाव के लिए करहल इलाके में जनसभा करने पहुंचे थे। वहां उन्होंने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि 'शिवपाल यादव की स्थिति पेंडुलम जैसी हो गई है। बेचारे को पिछली बार देखा कितना बेइज्जत करके भेजा था। बेचारे को कुर्सी तक नहीं मिली थी और हैंडल पर बैठना पड़ा था। उन्हें कभी-कभी ये बात याद आती होगी।' सीएम योगी की ये बाते सनुकर भीड़ ने जमकर तालियां बजाई।

अखिलेश से ज्यादा शिवपाल पर साधा जा रहा निशाना
मैनपुरी उपचुनाव के बीच यह सवाल भी खड़ा हो रहा है कि आखिर इस बार चुनावी सभाओं में अखिलेश यादव से ज्यादा बीजेपी के नेता शिवपाल यादव को क्यों आड़े हाथों ले रहे हैं। लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि यूपी विधानसभा में सीएम योगी अखिलेश यादव को जिन चाचा से नसीहत लेने की सीख कुछ दिनों पहले दे रहे थे वह उन पर ही इतना नाराज क्यों है। दरअसल राजनीतिक जानकार मानते हैं कि इस नाराजगी के पीछे का कारण बीते चार सालों के घटनाक्रमों पर निर्भर करता है। शिवपाल यादव जब 2017 में अखिलेश यादव से नाराज हुए उसके बाद से ही बीजेपी उन्हें अपने खेमे में लाने के लिए प्रयासरत है। कई बार शिवपाल को भी इसमें स्कोप दिखा और उन्हें लगा कि बीजेपी में उन्हें अच्छा स्थान मिल सकता है। इस बीच तमोाम लोगों ने शिवपाल यादव पर बैकडोर से बीजेपी को समर्थन देने की भी बात कही। माना जा रहा था ऐसा इसलिए किया जा रहा है जिससे बीजेपी की छवि को कोई असर न हो। इसी के साथ परिवार में फूट को लेकर भी तमाम बाते बीजेपी के नेताओं की ओऱ से समय-समय पर कही गई। 

नहीं कामयाब हुआ प्लान इसलिए शिवपाल पर साधा जा रहा निशाना
वहीं लोगों का मानना यह भी है कि चुनावी सभाओं में बीजेपी की ओर से शिवपाल पर जिस तरह से आड़े हाथों लिया जा रहा है वह असल में कुछ और नहीं बल्कि एक खीझ है। मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद बीजेपी को लग रहा था अब सपा में बहुत जल्द ही बिखराव की स्थिति बनेगी। इसका बड़ा कारण था कि शिवपाल यादव अपने भतीजे अखिलेश से नाराज ही चल रहे थे। इसी के साथ पार्टी के कई अन्य नेता भी अखिलेश यादव को उतना पसंद नहीं करते हैं जितना की वह मुलायम औऱ शिवपाल को। इसी बीच प्रयास तो यह भी चल रहा था कि नेताजी के निधन के बाद ही हो रहे उपचुनाव में मैनपुरी पर बीजेपी के प्रत्याशी को जितवाकर सपा को करारा मानसिक आघात दिया जाए। हालांकि शिवपाल यादव के बहू डिंपल के समर्थन में आने के बाद वह राह कठिन होती दिख रही है। इसी के चलते बीजेपी इस तरह की बयानबाजी कर रही है। 

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