सार

उत्तराखंड के बदरीनाथ मंदिर की दीवार पर हल्की दरार आने का मामला संज्ञान में आने पर केंद्रीय संस्कृति सचिव से बदरीनाथ धाम को संरक्षित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का आग्रह किया गया। इस पर केंद्र की ओर से आवश्यक दिशा निर्देश भी जारी किए गए है। 

देहरादून: उत्तराखंड की देवनगरी में स्थिति चारधाम यात्रा के लिए हर साल लाखों श्रद्धालु जाते है। इस बार भी यात्रियों ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए है। लेकिन विश्व प्रसिद्ध बदरीनाथ मंदिर की दीवार पर आई हल्की दरार आ गई है। इसकी मरम्मत का काम भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के माध्यम से कराया जाएगा। बदरीनाथ धाम में हल्की दरार आने पर मरम्मद का काम मानसून के बाद शुरू हो जाएगा। इसमें एएसआई ने पांच करोड़ खर्च आने का एस्टीमेट तैयार किया है। 

मंदिर की मरम्मत में पांच करोड़ रुपए के व्यय का अनुमान
बदरीनाथ मंदिर की दीवार पर हल्की दरार आने पर पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि यह मामला संज्ञान में आने पर केंद्रीय संस्कृति सचिव से बदरीनाथ धाम को संरक्षित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का आग्रह किया। इस पर केंद्र की ओर से आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए गए है। सचिव पर्यटन ने कहा कि बदरीनाथ धाम हमारी प्राचीन धरोहर है। इसके संरक्षण करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी कहा कि बदरीनाथ धाम की महायोजना में मंदिर को सुरक्षित और संरक्षित करने पर विशेष जोर दिया गया है। मंदिर में दरार की जानकारी मिलने के बाद एएसआई से इसके लिए मरम्मत के लिए आग्रह किया गया और पांच करोड़ रुपए के व्यय होने का अनुमान है। 

बदरीनाथ धाम के विकास के लिए तैयार की गई महायोजना
मंदिर के ठीक पीछे ग्लेशियर है और दीवार की मरम्मत का काम मानसून के बाद शुरू हो जाएगा। इससे मंदिर की सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार की संस्था डीजीआई को कंसल्टेंट का जिम्मा सौंपा गया है। मंदिर को किसी भी प्रकार का नुकसान न हो, इसके लिए ग्लेशियर से सुरक्षा के लिए दीवार का निर्माण करने की कार्य योजना तैयार की जा रही है। बता दें कि केदारनाथ धाम की तर्ज पर बदरीनाथ धाम के विकास के लिए महायोजना तैयार की गई है। केदारनाथ धाम के विकास की योजना की तरह बदरीनाथ धाम को तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए विकसित किया जाएगा।

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