सार
जवानों की मानें तो हफ्तेभर पहले बटालियन कश्मीर से वृंदावन आई थी। इसी बटालियन में शामिल चाबुकेश्वर कुछ दिन से पारवारिक स्थितियों से परेशान चल रहा था। वह छुट्टी मांग रहा था और उसे छुट्टी नहीं मिली तो संभवत: उसने यह कदम उठा लिया। हालांकि बटालियन के कमांडर ने इस बात की पुष्टि नहीं की और न ही पारवारिक वजह पर ही कोई जवाब दिया
आगरा (उत्तर प्रदेश) । वृंदावन के पानीगांव संपर्क मार्ग पर पवनहंस हेलीपैड के समीप स्थित सीआरपीएफ कैंप में 32 बटालियन की एल्फा कंपनी के जवान चाबुकेश्वर संतोष देवराम (41) ने अपनी इंसास रायफल से खुद के गले में गोली मार ली, जो सिर पार करके निकल गई, लेकिन उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
घटना के समय नास्ता कर रहे थे सभी जवान
सीआरपीएफ के कमांडर अमित कुमार सिंह ने मीडिया को बताया कि हफ्तेभर पहले ही एल्फा बटालियन के कुछ जवान काश्मीर से वृंदावन कैंप में आए थे। सुबह जब सभी लोग नाश्ता कर रहे थे तब गोली की आवाज सुनकर पोस्ट पर पहुंचे। चाबुकेश्वर संतोष देवराम का शव पड़ा मिला। बताया कि मृतक के परिजनों को घटना की जानकारी दे दी गई है। पोस्टमार्टम के बाद शव को उसके गृह जनपद पहुंचाया जाएगा।
इस कारण अवसाद में चल रहा था जवान
मूलरूप से महाराष्ट्र के पुणे जनपद के थाना गोद नाड़ी के गांव रामलिंग सिरूर का निवासी चाबेकुश्वर पारवारिक स्थितियों से अवसाद में चल रहा था। बटालियन में तैनात जवानों की मानें तो चाबुकेश्वर के दो बच्चे हैं। एक बच्चे को लेकर पत्नी अलग रहती है और मां अलग रहती है। इसी को लेकर वह अधिकतर समय परेशान रहता था।
2 जून को बटालियन से भाग गया चाबुकेश्वर
बटालियन में मिली जानकारी के अनुसार जवान चाबुकेश्वर 1 जून 2019 को एक महीने की छुट्टी काटकर कश्मीर में तैनात बटालियन में पहुंचा था। 2 जून को फिर बटालियन से भाग गया। जिसे भगोड़ा घोषित कर दिया गया था। साथ ही उसके खिलाफ जांच शुरू कर दी थी। चाबुकेश्वर ने 74 दिन बाद अगस्त के महीने में एकबार फिर कंपनी ज्वाइन कर ली। इसके बाद आंतरिक जांच चली। कुछ दिन से फिर छुट्टी जाना चाहता था।