सार
मंगलवार को विधानभवन के पास खुद को आग लगाने वाली महिला की बुधवार शाम मौत हो गई। वह लखनऊ के सिविल हॉस्पिटल के बर्न वार्ड में भर्ती थी। शाम साढ़े सात बजे के करीब सिविल अस्पताल के डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
लखनऊ. मंगलवार को विधानभवन के पास खुद को आग लगाने वाली महिला की बुधवार शाम मौत हो गई. वह लखनऊ के सिविल हॉस्पिटल के बर्न वार्ड में भर्ती थी. शाम साढ़े सात बजे के करीब सिविल अस्पताल के डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना के तुरंत बाद ही महिला को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां सीएमएस डॉ एसके नंदा ने महिला के 90 प्रतिशत जलने की बात कहते हुये उसकी हालत बेहद नाजुक बताई थी।
पूर्व राज्यपाल का बेटा हिरासत में
आत्मदाह के मामले में पूर्व राज्यपाल सुखदेव प्रसाद के बेटे आलोक को हिरासत में लेकर महाराजगंज और लखनऊ पुलिस पूछताछ कर रही है। सुखदेव प्रसाद का बेटा मूलरूप से महाराजगंज का ही रहने वाला है। यहां गोमतीनगर में रहता है। उससे लखनऊ में ही पूछताछ हो रही है। पुलिस छानबीन में सामने आया है सुखदेव प्रसाद के बेटे समेत कुछ अन्य लोगों से महिला घटना से पहले संपर्क में थी और उन्हीं लोगों के उकसाने पर इस घटना को अंजाम दिया। ऐसे लोगों की गिरफ्तारी भी संभव है।
कुछ लोगों को पहले से थी मामले की जानकारी
डीसीपी सेंट्रल सोमेन वर्मा ने बताया कि जो लोग महिला से पूर्व संपर्क में थे और घटना की उन्हें पहले से जानकारी थी, ऐसे सभी लोगों से पूछताछ की जा रही है। ऐसे लोगों पर मुकदमा दर्जकर आगे की कार्रवाई भी की जाएगी। गौरतलब है कि विधानभवन के पास मंगलवार को महिला ने खुद पर केरोसिन डालकर आग के हवाले कर दिया था। उसे आग की लपटों में घिरा देखकर मौके पर मौजूद लखनऊ पुलिसकर्मियों ने कपड़े से आग बुझाकर महिला को कंबल में लपेटकर सिविल अस्पताल पहुंचाया था।
महाराजगंज पुलिस की लापरवाही और चूक
मूलरूप से छत्तीसगढ़ निवासी अंजलि तिवारी ने दो वर्ष पूर्व घुघली थानाक्षेत्र के पचरूखिया निवासी अखिलेश तिवारी से शादी की थी। इस दौरान दोनों में विवाद हुआ और अंजली अलग रहने लगी। इसके बाद अंजली ने आसिफ से निकाह कर लिया। अंजलि ने अपना धर्म परिवर्तन कराकर नाम भी आयशा कर लिया। बाद में आसिफ सऊदी अरब भाग गया। अंजलि ने मामले की शिकायत महाराजगंज पुलिस से की, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।
महराजगंज पुलिस को पहले जानकारी दी फिर लगाई आग
13 अक्टूबर को आत्मदाह की बात को लेकर उसने महाराजगंज पुलिस नोटिस दिया था। उसकी तलाश में महिला एसओ मनीषा सिंह को लखनऊ भेजा गया था। इंस्पेक्टर हजरतगंज अंजनी कुमार पांडेय ने बताया कि महिला एसओ ने घटना से 15 मिनट पहले ही उनसे संपर्क किया था, पुलिस को तुरंत अलर्ट किया गया, लेकिन तब तक अंजलि ने खुद को आग के हवाले कर लिया। घटना के बाद महाराजगंज पुलिस की घोर लापरवाही और चूक उजागर हो चुकी है, अगर वक्त रहते वहां की पुलिस ने कार्रवाई की होती या लखनऊ पुलिस से संपर्क किया होता तो अंजलि की जान भी बचाई जा सकती थी।