सार
जिले के दो गांव में दिखे बाघ के खौफ से आधा दर्जन गांव खुले में शौच से मुक्त हो गए बाघ की वजह से खुले में शौच जाना छोड़ा
हमीरपुर: राज्य के बुंदेलखंड क्षेत्र के दो जिलों के अधिकारियों पूरी कोशिश के बावजूद जो नही कर पाए वो एक बाघ ने कर दियाया। यूपी के बुंदेलखंड में हमीरपुर और महोबा जिले के दो गांव में दिखे बाघ के खौफ से आधा दर्जन गांव खुले में शौच से मुक्त हो गए। प्रदेश और केंद्र सरकार ने खूब कोशिश की कि जिले के गांव ओडीएफ हो जाए, लेकिन ऐसा हो न सका। अचानक से इस कहानी में एक नया मोड़ तब आता है, जब एक बाघ की एंट्री होती है। हमीरपुर और महोबा के बॉर्डर से सटे गावों गयोढ़ी और कुनेह्टा में जैसे ही बाघ की दहाड़ सुनाई दी, लोग दहशत में आ गए। आलम यह हुआ कि लोगों ने अपनी आदत बदल ली और खुले में शौच जाना ही छोड़ दिया। लिहाजा जो काम जिला प्रशासन नहीं करवा सका वह एक बाघ ने कर दिया। अब गांव ओडीएफ हो चुका है यानी खुले में शौच से मुक्ति।
पांच दिनों से है बाघ का खौफ
वन विभाग की टीमें जिलों में बाघ को पकड़ने के लिए डेरा डाले हुए हैं। शनिवार को महोबा में एक वन अधिकारी ने कहा, " बाघ को पहली बार पांच दिन पहले देखा गया था।" उन्होंने कहा, "हमने उन स्थानों पर पिंजरे लगाए हैं, जहां बाघ देखे गए थे हमने विशेषज्ञों को भी मौके पर बुलाया है।" वन अधिकारी बाघ को पकड़ने की कोशिश में व्यस्त हैं, लेकिन जिले के अधिकारियों ने रिपोर्ट के बाद राहत की सांस ली कि आधा दर्जन से अधिक गांवों में लोगों ने खुले में शौच के लिए खुले में जाना बंद कर दिया है। महोबा में एक अधिकारी ने कहा की '' हम पिछले कई महीनों से इन गाँवों को ओडीएफ बनाने की कोशिश कर रहे थे इन गाँवों के हर घर में शौचालय हैं फिर भी बहुत से लोग अभी भी खुले में शौच करना पसंद करते हैं बाघ की खबर फैलने के बाद लोगो ने बाहर जाना बंद कर दिया है।''
बता दें कि हमीरपुर और महोबा जिले के बार्डर के गांवों के जंगलों की सीमाएं पन्ना टाइगर रिजर्व के जंगलों से मिलती हैं। जिसके चलते यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि यह बाघ लगभग 150 किलोमीटर की यात्रा करते हुए यहां आ पहुंचा फिलहाल इस बाघ ने अभी तक किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया है।
(प्रतिकात्मक फोटो)