सार
सूर्य को बिना पालक झपकाए देखने का मथुरा निवासी महेंद्र सिंह वर्मा ने रिकॉर्ड बनाया है। आमतौर पर सूर्य को टकटकी लगाकर बिना चश्मा लगाए देखने को मना किया जाता है, क्योंकि सूर्य की किरणों से आंखों के खराब होने की संभावना ज्यादा होती है। लेकिन सूर्य को बगैर चश्मा लगाए और बिना पलक झपकाए देख रहे 70 वर्षीय शख्स महेंद्र वर्मा ने नया रिकॉर्ड बना लिया है।
मथुरा: भगवान कृष्ण की नगरी में एक बार फिर लगन व शक्ति का नया रिकॉर्ड इंडिया बुक में दर्ज हुआ है। सूर्य को बिना पलक झपकाए निहारते हुए शहर के एक व्यक्ति ने नया रिकॉर्ड बनाया है। सूरज को बिना पलक झपकाए निहारने का यह नया रिकॉर्ड 70 वर्षीय महेंद्र सिंह वर्मा ने बनाया। इतना ही नहीं उनका पिछला रिकॉर्ड भी उन्हीं के ही नाम था। एक बार फिर उन्होंने अपने नाम रिकॉर्ड दर्ज करा लिया है। सबसे खास बात यह है कि महेंद्र वर्मा ने अपना ही रिकॉर्ड तोड़ते हुए सूर्य को टकटकी निगाहों से बिना पलक झपकाए 1 घंटे 26 मिनट तक देखा। इस दौरान इंडिया बुक रिकॉर्ड की और से भानूप्रताप, पूर्व विधायक प्रदीप माथुर, कोऑर्डिनेटर प्रेरणा शर्मा, अध्यापिका उषा शर्मा, टिजिल चौधरी, इन्द्रजीत, निधि सिंह भी इस रिकॉर्ड के साक्षी रहे।
सूर्य को निहारने का सिलसिला रहा जारी
आमतौर पर कोई भी सूर्य को टकटकी लगाकर बिना चश्मा लगाए देखने को मना किया जाता है, क्योंकि सूरज की किरणों आंखों को खराब होने की संभावना ज्यादा होती है। लेकिन सूरज को बगैर चश्मा लगाए और बिना पलक झपकाए देख रहे 70 साल के यह शख्स महेंद्र वर्मा है, जिनका सूर्य को निहारने का सिलसिला जारी है और एक बार फिर इन्होंने एक रिकॉर्ड खुली आंखों से सूर्य को देखने का 1 घंटे 26 मिनिट का बना डाला है। सबसे खास बात यह है कि महेंद्र वर्मा ने अपना ही रिकॉर्ड तोड़ते हुए सूर्य को टकटकी निगाहों से देखते रहे।
सूरज से हर कोई आंख नहीं मिला सकता
बता दें कि महेंद्र सिंह वर्मा मथुरा गोवर्धन चौराहा स्थित आनंद लोक कॉलोनी के रहने वाले हैं। वो पूर्व में सेल टैक्स विभाग में डिप्टी कमिश्नर के पद पर कार्यरत थे। उन्होंने 21 साल की उम्र में ही अपने गुरु बालमुकुंद महाराज से यह प्रेरणा ली थी। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति में तीसरा नेत्र होता है। हर कोई सूरज से आंख मिला सकता है। महेंद्र आगे कहते है कि पहले दीपक की लौ से आंख मिलाई फिर सूरज के सामने थोड़ी-थोड़ी देर आंख मिलाई।
सूर्य से आंख मिलाने की अपनी ही एक कला होती है जो सबके पास नहीं होती है। जिसे वह बताएंगे वही इसको कर सकता है। इसलिए इतनी देर तक सूरज से आंखक मिलाने या यूं कहें कि सूरज को निहारने का आत्मबल किसी को नहीं मिल पाया है और अभी तक यह रिकॉर्ड कुछ ही मिनटों का था, लेकिन वह सूरज को लगातार निहारते आए हैं और आज एक घंटा 26 मिनट तक उन्होंने सूर्य को निहारा है।
रिकॉर्ड के गवाह के रुप में रहे माथुर ने कही यह बात
इस रिकॉर्ड के गवाह के रुप में मौजूद पूर्व विधायक प्रदीप माथुर ने कहा कि वह महेंद्र सिंह वर्मा को काफी लंबे अरसे जानते हैं। वह एक अच्छे ज्योतिषाचार्य हैं और उनकी भविष्यवाणी पर ही उन्होंने राजनीति में एंट्री की थी। उनकी लगन की वजह से यह हठ योगी की तरह काम करते है और आज इस मुकाम पर पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि मेरी शुभकामना है कि आगे यह गिनीज बुक में अपना नाम दर्ज कराएं।
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