सार
यूपी चुनाव में रिश्वत लने व देने वालों पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। आयोग ने मामले में एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं। इसकी निगरानी का जिम्मा केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (GST) विभाग को सौपा हैं।
लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Vidhansabha Election 2022) का समय नजदीक आते ही जिस तरह से नेताओं, उम्मीदवारों, परिवहन विभाग की तैयारियां चल रही तो वहीं अब आयोग ने चुनाव में रिश्वत देने व लेने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए है। ऐसे लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कराई जाएगी। आयोग ने निगरानी का जिम्मा केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (GST) विभाग को सौपा हैं। चुनाव में रिश्वत के लेनदेन में रिटर्निंग ऑफिसरों की वस्तुओं को जब्त कर दोनों के खिलाफ FIR दर्ज कराई जाएगी। इसके साथ ही एक प्रति व्यय प्रेक्षक को भेजने के निर्देश दिए गए हैं। विधानसभा क्षेत्रों में मतदाताओं को प्रभावित करने वालों की निगरानी के लिए चुनाव आयोग की मशीनरी सक्रिय हो गई है।
चुनाव खर्च की निगरानी तथा कानून-व्यवस्था के लिए पुलिस, आबकारी, आयकर तथा अन्य संबंधित विभागों की टीमों को सक्रिय किया गया है। प्रत्याशियों के खर्च की निगरानी अधिसूचना जारी होने की तारीख से शुरू हो जाएगी। एयरपोर्ट, सीमा शुल्क चौकियों, वाहनों व गोदामों आदि की जांच का जिम्मा सीजीएसटी (CGST) को सौंपा गया है। शराब, नकदी, मुफ्त उपहार आदि बांटने की जांच के लिए सीजीएसटी की ओर से उड़न दस्तों का गठन किया गया है। इन दस्तों ने सड़क मार्ग पर संदिग्ध वाहनों की जांच शुरू कर दी है।
चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने वाली वस्तुएं जैसे शराब, नकदी, कपड़े, बर्तन आदि ले जाने वाले लोगों व वाहनों पर खास नजर रखी जा रही है। अब तक लखनऊ, उन्नाव, सीतापुर, शाहजहांपुर, बलरामपुर, गोंडा, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी, बाराबंकी तथा हरदोई आदि जिलों में 100 से ज्यादा गोदामों की जांच कराई गई है। साड़ी, रेडीमेड कपड़ों, इलेक्ट्रिकल तथा रसोई के सामान इत्यादि से संबंधित गोदामों की जांच पर खास जोर दिया जा रहा है।
इसके साथ ही आयोग ने गांवों एवं मजरों तथा शहरी क्षेत्रों में कमजोर वर्ग बहुल क्षेत्रों में मतदाताओं को डराने-धमकाने वालों को चिह्नित करके उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की रणनीति बनाई है। ऐसे क्षेत्रों को पहले से चिह्नित कर शांतिपूर्ण व निष्पक्ष चुनाव कराने की कोशिश होगी। चुनाव में धनबल व बाहुबल रोकने पर खास जोर है। इसके लिए पुलिस अधिकारियों को प्रशिक्षण दिलाने के भी निर्देश दिए गए हैं।