सार

उत्तराखंड में चंपावत उपचुनाव को लेकर आयोग ने अधिकारियों के साथ तैयारियों को लेकर समीक्षा की। चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी तरीके से संपन्न कराने के लिए अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी सी. रविशंकर ने कहा कि मीडिया का भी सहयोग लिया जा सकता है। 

देहरादून: उत्तराखंड में चंपावत विधानसभा उपचुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को जिला निर्वाचन अधिकारियों से तैयारियों का जायजा लिया। उपचुनाव को लेकर अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी सी. रविशंकर ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए चुनावी तैयारियों में लगाए गए अधिकारियों को निष्पक्ष व शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न कराने के निर्देश दिए है।

कंट्रोल रूम को जल्द किया जाए सक्रिय
अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी सी. रविशंकर आगे कहते है कि चुनाव सामाग्री की उपलब्धता समय से सुनिश्चित कर ली जाए। साथ ही कार्मिकों के प्रशिक्षण व सुरक्षा प्लान को विशेष रूप से ध्यान रखा जाए। उन्होंने आगे कहा कि कंट्रोल रूम को पूरी तरह से सक्रिय कर दिया जाए। साथ ही नियमित रूप से रिपोर्ट प्रेषित की जाए। 

वृद्धजनों के लिए कराई जाए विशेष सुविधाएं
इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी तरीके से संपन्न कराने के लिए मीडिया का भी सहयोग लिया जा सकता है। उन्होंने निर्देश दिए कि दिव्यांग मतदाताओं तथा 80 वर्ष से अधिक उम्र के आयु के वृद्धजनों को विशेष सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।

निरंतर सी विजिल एप पर बनाई जाए नजर
निर्वाचन अधिकारी सी. रविशंकर कहते है कि मतदान कार्मिकों एवं माइक्रो आब्जर्वर की ट्रेनिंग व ईवीएम व वीवीपीएटी की सुरक्षा सुनिश्चित कर मतदान स्थलों के लिए कोविड प्रोटोकाल के अनुसार ही सामाग्री की व्यवस्था की जाए। इतना ही नहीं मतगणना केंद्र की सुनियोजित व्यवस्था की जाए। उपचुनाव के दौरान सी विजिल एप पर लगातार निगरानी बनाए रखे।

उपचुनाव को लेकर इतने अधिकारी थे मौजूद
इस अवसर पर संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रताप शाह, व्यय अनुश्रवण समिति के नोडल अधिकारी मनमोहन मैनाली, वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से  जिला निर्वाचन अधिकारी चंपावत, पुलिस अधीक्षक चंपावत, उप मुख्य निर्वाचन अधिकारी जितेन्द्र कुमार,  उप जिला निर्वाचन अधिकारी चंपावत, रिटर्निंग आफिसर चंपावत विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

उत्तराखंड: कांग्रेस ने चंपावत उपचुनाव के लिए खोला सियासी पत्ता, सीएम धामी के सामने उतारी महिला प्रत्याशी

उत्तराखंड में बनेगा देश का पहला जीआई बोर्ड, उत्पादों की मांग बढ़ाने से लेकर पलायन रोकने तक में मिलेगी सफलता