सार
उन्नाव रेप केस में दोषी करार दिए गए बीजेपी से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को 20 दिसंबर को सजा सुनाई जाएगी। दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने मंगलवार को सेंगर की सजा पर सुनवाई की। इस दौरान सीबीआई ने दोषी विधायक को आजीवन कारावास देने की मांग की।
उन्नाव (Uttar Pradesh). उन्नाव रेप केस में दोषी करार दिए गए बीजेपी से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को 20 दिसंबर को सजा सुनाई जाएगी। दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने मंगलवार को सेंगर की सजा पर सुनवाई की। इस दौरान सीबीआई ने दोषी विधायक को आजीवन कारावास देने की मांग की। सीबीआई ने कहा कि यह मामला सिर्फ रेप का नहीं, बल्कि मानसिक उत्पीड़न का भी है। जिसपर कोर्ट सीबीआई से पूछा कि इस तरह के मामलों में अभी तक कितना कंपनसेशन (मुआवजा) दिया गया। बता दें, इससे पहले कोर्ट ने सोमवार को रेप केस में सेंगर को दोषी ठहराया था। एक अन्य आरोपी शशि सिंह को बरी कर दिया। शशि पर आरोप था कि वो नौकरी दिलाने के बहाने पीड़िता को सेंगर के पास लेकर गई थी, जिसके बाद उसका रेप हुआ।
सेंगर के वकील ने कोर्ट रूम में ये अपील
वहीं, विधायक के वकील ने कोर्ट में कहा, सेंगर की उम्र 54 साल है। उनका पूरा करियर देखा जाए तो साल 1988 से अब तक वो जनता की सेवा करते आए हैं। 1995 से 2000 तक ब्लॉक लेवल पर सदस्य रहे। हमेशा लोगों की सेवा की। 2002 से लगातार वो जनता की मांग पर चुनाव लड़े और विधायक बने। अपने इलाके में कई इंस्टीट्यूट बनवाए, विकास कार्य किए। जनता ने कभी कोई आरोप नहीं लगाया। यह पहला मामला है। उनकी दो बेटियां हैं जोकि शादी के लायक हैं। ऐसे में उनको कम से कम सजा दी जाए। बता दें, कुलदीप सेंगर पर अभी तीन और मामले दिल्ली की विशेष सीबीआई कोर्ट में चल रहे हैं।
उन्नाव रेप केस में कब क्या हुआ
4 जून, 2017: 17 वर्षीय नाबालिग लड़की का भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने कथित तौर पर रेप किया।
3 अप्रैल, 2018: रेप पीड़िता के पिता पर कुछ लोगों ने मारपीट कर जानलेवा हमला किया। पीड़िता के पिता के खिलाफ हथियार अधिनियम की संगीन धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर उसे जेल भेज दिया गया।
8 अप्रैल, 2018: रेप पीड़िता ने पुलिस पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास के सामने आत्मदाह की कोशिश की।
9 अप्रैल 2018: रेप पीड़िता के पिता की पुलिस हिरासत में मौत हो गई।
10 अप्रैल 2018: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने रेप का मामला सीबीआई को सौंपा।
13 अप्रैल 2018: कुलदीप सेंगर को गिरफ्तार कर लिया गया।
11 जुलाई: सीबीआई ने रेप केस में चार्जशीट दायर की।
17 जुलाई: रेप पीड़िता और उसके परिवार ने चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को सेंगर और उसके लोगों से कथित तौर पर खतरे के बारे में पत्र लिखा।
28 जुलाई: रायबरेली के गुरुबख्शगंज थाना क्षेत्र में ट्रक व कार की टक्कर में पीड़ित की चाची और मौसी की मौत। पीड़िता और उसके वकील गंभीर रूप से घायल हुए।
29 जुलाई: रायबरेली के गुरुबख्शगंज पुलिस थाने में सड़क दुर्घटना मामले में कुलदीप सिंह सेंगर और नौ अन्य लोगों के खिलाफ केस दर्ज
30 जुलाई: रेप पीड़िता का चीफ जस्टिस को लिखा पत्र सामने आया।
31 जुलाई: सुप्रीम कोर्ट ने पीड़ित के पत्र पर संज्ञान लिया। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के महासचिव को देरी पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया।
1 अगस्त: सुप्रीम कोर्ट ने रेप के पांच मामलों को दिल्ली स्थानांतरित किया और 45 दिनों में सुनवाई खत्म करने का आदेश दिया।
5 अगस्त: तीस हजारी अदालत में मामले की रोजाना सुनवाई शुरू। वहीं, रेप पीड़िता को लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कालेज से विमान द्वारा एम्स के ट्रामा सेंटर स्थानांतरित किया गया।
9 अगस्त: अदालत ने आरोपी सेंगर और सह आरोपी शशि सिंह के खिलाफ आरोप तय किए।
11 सितंबर: बलात्कार पीड़िता का बयान दर्ज करने के लिए एम्स में विशेष अस्थायी अदालत की व्यवस्था की गई।
25 सितंबर: बलात्कार पीड़िता को एम्स से छुट्टी मिल गई।
6 दिसंबर: निचली अदालत के आदेश पर दिल्ली महिला आयोग ने बलात्कार पीड़िता को दिल्ली में किराए पर आवास प्रदान किया।
10 दिसंबर: अदालत ने फैसला सुरक्षित कर लिया।
16 दिसंबर: दिल्ली अदालत ने आरोपी कुलदीप सेंगर को नाबालिग लड़की से बलात्कार का दोषी करार दिया। सह आरोपी शशि सिंह को मामले से बरी कर दिया गया।