सार
अधिकारियों ने हैदराबाद से आ रहे इस परिवार को नगर पालिका परिषद मुंगराबादशाहपुर में बने आश्रय स्थल में क्वारंटीन कर दिया है। यहां वह 14 दिन तक रहेगा, जिसके बाद उसे घर जाने की अनुमित दी जाएगी। जहां अब उन्हें 14 दिन यहीं बिताने होंगे।
जौनपुर (Uttar Pradesh) । लॉकडाउन में काम बंद होने पर मजदूर वर्ग के लोगों के सामने संकट आ गया है। खाने के लाले पड़ने पर वे अपनी जान ही नहीं पूरे परिवार तक की जान जोखिम में डाल दे रहे हैं। ऐसे ही ताजा मामला सामने आया है, मुंगराबादशाहपुर में। जहां हैदराबाद से मोपेड पर दो बेटे और पत्नी को बैठाकर घर आ रहे मजदूर पति को अधिकारियों ने चेकिंग के दौरान पकड़ लिया। बता दें कि ये शख्स करीब 1200 किमी का सफर तय कर चुका था और उसे घर पहुंचने के लिए महज 50 किमी का सफर और तय करना था। हालांकि अधिकारियों ने इस दंपती को घर पहुंचने से पहले ही क्वारंटीन कर दिया है।
यह है पूरा मामला
मड़ियाहूं थाना क्षेत्र के सिरौली निवासी इमामुद्दीन परिवार सहित हैदराबाद में रहता है। वो वहीं रहकर एक कंपनी में काम करता है। लॉकडाउन में वहां भोजन के लाले पड़ गए। कोई रास्ता न दिखा तो पुरानी मोपेड पर पत्नी शमा परवीन और दो बच्चे आलिया, अयान को लेकर वह घर के लिए निकल पड़ा।
अपने जिले की सीमा में आते ही धराया
रास्ते में तमाम दुश्वारियों को झेलते हुए जौनपुर जिले की सीमा में प्रवेश किया। घर पहुंचने से पहले ही मुंगराबादशाहपुर में अधिकारियों ने रोक लिया। सभी को एसडीएम मछलीशहर अमिताभ यादव के निर्देश पर नगर पालिका परिषद में आश्रय स्थल में क्वारंटीन कर दिया गया, जो लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है, क्योंकि हैदराबाद से लगभग 12 सौ किमी दूरी तय कर जौनपुर पहुंच गया। लेकिन, चंद किमी दूर का सफर तय कर घर नहीं पहुंच पाया।
अब 14 दिन बाद ही जा पाएगा घर
अधिकारियों ने हैदराबाद से आ रहे इस परिवार को नगर पालिका परिषद मुंगराबादशाहपुर में बने आश्रय स्थल में क्वारंटीन कर दिया है। यहां वह 14 दिन तक रहेगा, जिसके बाद उसे घर जाने की अनुमित दी जाएगी। जहां अब उन्हें 14 दिन यहीं बिताने होंगे।
(प्रतीकात्मक फोटो)