सार
उत्तर प्रदेश (Uttar pradesh) के भदोही (Bhadohi) में राजस्थान (Rajasthan) के राज्यपाल (Governor) कलराज मिश्रा (Kalraj Mishra) ने कहा कि तीन कृषि कानूनों (Three farm law) को निरस्त करने की घोषणा सकारात्मक दिशा में एक कदम है। उन्होंने का कि यह फिर से संसद में लाया जा सकता है।
भदोही (उत्तर प्रदेश)। प्रधानमंत्री मोदी (Pm modi) ने शुक्रवार को तीन नए कृषि कानूनों (Three Farm laws) वापस लेने का ऐलान किया था। इसके बाद से किसानों और सरकार के बीच एक साल से जारी गतिरोध खत्म होने की शुरुआत हो गई थी। इस बीच राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र (Kalraj Mishra) ने कहा है कि केंद्र सरकार कृषि कानूनों को फिर से लागू कर सकती है। उन्होंने कहा कि तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा को सकारात्मक दिशा में उठाया गया कदम बताया। अभी समय अनुकूल नहीं है इसलिए यह बिल दोबारा आ सकता है। इससे पहले उन्नाव (Unnao)के सांसद साक्षी महाराज ने कहा था कि बिल बनते हैं, बिगड़ते है और फिर वापस आ जाते हैं। सांसद और राज्यपाल के इन बयानों से पहले ही किसान आंदोलन खत्म करने के मूड में नहीं दिख रहे हैं। शनिवार को भी उन्होंने बैठक की। रविवार को भी संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले किसानों की बैठक होनी है। किसान नेता शिवकुमार कक्काजी का कहना है कि आज की बैठक में आंदोलन खत्म करने या चलाने पर निर्णय लिया जाएगा। हमारी प्राथमिकता एमएसपी (MSP) गारंटी कानून लागू करवाना है।
किसान समझ नहीं सके कि फायदे का कानून
कलराज मिश्रा ने कहा कि ये तीनों कूषि कानून किसानों के हित में बनाए गए थे। इससे उनका ही फायदा होता। लेकिन सरकार किसानों को इसके फायदे समझाने में नाकाम रही। कृषि कानून वापस लेने के लिए किसानों की तरफ से आंदोलन होता रहा, जिससे देश में एक विचित्र स्थिति पैदा हो गई थी जो अब खत्म हो जाएगी।
एक साल से चल रहा आंदोलन
कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन एक साल से चल रहा है। अभी भी किसानों ने आंदोलन पूरी तरह खत्म नहीं किया है। आज भी इनकी बैठक होनी है, जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी। कलराज मिश्रा का कहना है कि किसानों के आंदोलन के चलते सरकार ने कानून वापस ले लिया। फिर आगे इस मामले में कानून बनाने की जरूरत पड़ी तो कानून बनाया जाएगा।
क्या कहा था साक्षी महाराज ने
साक्षी महाराज ने कहा था - 2022 में यूपी (Uttar Pradesh Election 2022 ) में बीजेपी (BJP) 300 पार जाएगी। कृषि बिल वापस लेने का चुनावों से कोई लेना देना नहीं है। तथाकथित किसानों के मुंह से पाकिस्तान जिंदाबाद, खालिस्तान जिंदाबाद जैसे अवपित्र नारे लग रहे थे। इसके बाद भी माेदी जी ने बड़ा मन दिखाया। बिल तो बनते रहते हैं। बिगड़ते रहते हैं। फिर वापस आ जाएंगे। मोदी जी के लिए राष्ट्र प्रथम है। उन्होंने कृषि बिल और राष्ट्र दोनों में से राष्ट्र को चुना।
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