सार

भैया दूज यानी 29 अक्टूबर के दिन यूपी की रोडवेज बसों में जबर्दस्त भीड़ थी। यात्रियों ने जान जोखिल में डाल बस की छत पर भी यात्रा की। इस दौरान बिजनौर जिले से एक फोटो सामने आई, जिसमें बच्चे की गर्दन बस की खिड़की में फंसी थी। गनीमत रही कि मासूम को कोई चोट नहीं आई। उसे सही सलामत बचा लिया गया।

बिजनौर (Uttar Pradesh). भैया दूज यानी 29 अक्टूबर के दिन यूपी की रोडवेज बसों में जबर्दस्त भीड़ थी। यात्रियों ने जान जोखिल में डाल बस की छत पर भी यात्रा की। इस दौरान बिजनौर जिले से एक फोटो सामने आई, जिसमें बच्चे की गर्दन बस की खिड़की में फंसी थी। गनीमत रही कि मासूम को कोई चोट नहीं आई। उसे सही सलामत बचा लिया गया।

क्या है पूरा मामला
भाई दूज पर बसों में भीड़ का आलम ये था कि जैसे ही बस आती लोग सीट कब्जाने के लिए बाहर खिड़की से ही रुमाल और सामान सीट पर रख दे रहे थे। इस बीच बिजनौर रोडवेज बस स्टेशन पर एक शख्स ने अपने छोटे बेटे को सीट कब्जाने के लिए बाहर से खिड़की के माध्यम से अंदर ढकेल दिया। बच्चा का आधा हिस्सा अंदर चला गया, लेकिन उसका सिर खिड़की पर लगे लोहे के रॉड में फंस गया।  

गर्दन फंसते ही बच्चा चिल्लाने लगा। उसका पिता भी घबरा गया। इस पर वहां मौजूद लोगों ने तुरंत बच्चे को बाहर की तरु खींचकर सुरक्षित बचा लिया। बता दें, त्यौहारों को देखते हुए रोडवेज प्रशासन ने 25 अक्तूबर से 3 नवंबर तक दिल्ली-पौड़ी राष्ट्रीय राजमार्ग पर 20 अतिरिक्त बसों के संचालन की व्यवस्था की है।