सार


पिता से डांट मिलने के बाद मनीषा अपने कमरे में गई और दरवाजा बंद करके खुद पर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा ली। चीख-पुकार सुनकर घर वाले दौड़े और आग बुझाकर गंभीर हालत में मनीषा को एलएलआर अस्पताल ले गए। रविवार सुबह इलाज के दौरान मनीषा की मौत हो गई। 

कानपुर (Uttar Pradesh) ।  पिता की डांट से क्षुब्ध होकर बेटी ने आग लगा लिया। जिसे इलाज के लिए हैलट अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उसकी उपचार के दौरान मौत हो गई। पुलिस जांच में ये बात सामने आई कि पेशे से मिस्त्री पिता ने बेटी को बेटी की तरह पाला था, लेकिन वह गुटखा खाने लगी। जिसे लेकर नाराज पिता ने उसे फटकार लगाई थी।  

बेटा की तरह बेटी को रखता था मिस्त्री पिता
शास्त्रीनगर में रहने वाले कमल किशोर पेशे से बिजली मिस्त्री हैं। उनकी बेटी मनीषा (24) बीए पास कर चुकी थी। बेटी के इच्छा जताने पर कमल किशोर ने उसे सिंलाई कढ़ाई सीखने की अनुमति दे दी। चचेरे भाई अरविंद ने बताया कि मनीषा कुछ समय से गुटका (पान मसाला) खाने लगी थी। चाचा कमल किशोर को इस बात का पता चला तो समझाने की कोशिश की लेकिन मनीषा नहीं मानी। शनिवार रात खाना बनाने के दौरान गुटखा खाते देखकर कमल किशोर ने मनीषा को डांट दिया था। 

इस कारण दी जान
पिता से डांट मिलने के बाद मनीषा अपने कमरे में गई और दरवाजा बंद करके खुद पर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा ली। चीख-पुकार सुनकर घर वाले दौड़े और आग बुझाकर गंभीर हालत में मनीषा को एलएलआर अस्पताल ले गए। रविवार सुबह इलाज के दौरान मनीषा की मौत हो गई। 

बेटी की मौत के बाद पिता बदहवास
अरविंद ने बताया कि चाचा का मनीषा ही उनका इकलौता सहारा थी। बेटी की मौत से कमल किशोर बदहवास हो गए हैं। परिवार के लोग उन्हें समझाने-बुझाने में लगे हैं।