सार

नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में बीते शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के 22 जिलों में हिंसा हुई थी। मेरठ, वाराणसी, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, संभल, फिरोजाबाद, कानपुर और रामपुर में 19 लोगों की जान गई थी।

लखनऊ (उत्तर प्रदेश) । जुमे की नमाज के बाद एक बार फिर सीएए और एनआरसी के विरोध में प्रदर्शन होने की आशंका है। प्रदेश का माहौल न बिगाड़ पाएं के लिए अलर्ट जारी कर दिया गया है। संवेदनशील जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। ड्रोन कैमरों का भी प्रयोग लोगों की छतों पर किसी भी प्रतिबंधित चीज की निगहबानी के लिए किया जा रहा है। इलाकों में सुरक्षा बलों के साथ अफसर फ्लैग मार्च कर रहे हैं। मुजफ्फरनगर, कानपुर, मेरठ, बिजनौर, इटावा में भी प्रशासन नजर रखे हुए है।

वालंटियर को सौंपी है जिम्मेदारी
प्रदेशभर के डीएम और एसपी ने हिंसा के बाद शांति समितियों की बैठक की है। लोगों को संशोधन नागरिकता कानून के बारे में जागरुक किया है। वहीं, मेरठ, कानपुर वालंटियर को मस्जिदों और संवेदनशील इलाकों में तैनात किया गया है। 

सभी जिलों में है सुरक्षा के खास इंतजाम 
लखनऊ
में बीते शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद भड़की हिंसा को देखते हुए इस बार पुलिस पहले से ही सतर्क है। पुलिस-प्रशासन ने इस बार जुमे की नमाज को लेकर खास इंतजाम किए हैं। डीएम अभिषेक प्रकाश, एसएसपी कलानिधि नैथानी समेत तमाम आलाधिकारी नजर बनाए हुए हैं। सभी संवेदनशील क्षेत्रों में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था है। पुलिस व पैरामिलिट्री भी तैनात की गई है। 

गोरखपुर में पुलिस ने जिले को त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरे में रखा है। पैरामिलिट्री, पीएसी के अलावा पुलिस बल की तैनाती की गई है। जितनी पुलिस सड़कों पर है, उससे ज्यादा पुलिस लाइंस में तैयार रहेगी। कोई उपद्रव होने पर पांच मिनट के अंदर जिले को छावनी में बदल दिया जाएगा।

बिजनौर में संवेदनशील इलाकों में एक कंपनी आईटीबीपी, 6 कंपनी पीएसी की तैनाती है। छह ड्रोन कैमरे और 259 खुफिया कैमरों से संदिग्धों पर नजर रखी जा रही है।

मेरठ में संवेदनशील इलाके में सुरक्षाबलों के साथ मैजिस्ट्रेट तैनात हैं। लोगों की जिम्मेदारी तय की गई है कि भीड़ इकट्ठा न होने पाएं। डीएम अनिल ढींगरा ने पीस कमेटियों की बैठक में लोगों से कहा है कि ​यदि उन्हें अपनी बात कहनी है तो वह अपने धर्मगुरुओं के माध्यम से लिखित में पक्ष रख सकते हैं। 14 लोगों की निगरानी सर्विलांस और अन्य माध्यमों से की जा रही है, जो हिंसा फैलाने में शामिल रह सकते हैं।

कानपुर में पिछले शुक्रवार को बाबुपुरवा और यतीमखाने में हिंसा हुई थी। प्रशासन ने इससे सबक लेते हुए इस क्षेत्र के साथ ही अन्य संवेदनशील इलाकों में पीस कमेटी के साथ बैठक की। यहां सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। सभी मस्जिदों के आसपास 10-10 वाॅलंटियर तैनात होंगे। पुलिस की तैनाती के साथ खुफिया तंत्र भी सक्रिय है।

मुजफ्फरनगर में संवेदनशील इलाके मीनाक्षी चौक के अलावा अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा बलों के साथ पुलिस का जमावड़ा है। मस्जिदों के पास सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हैं। संवेदनशील इलाकों में अधिकारियों की देखरेख में पुलिस की मजबूत पिकेट तैनात की गई है। 

इस समय तक यहां बंद रहेगी इंटरनेट सेवा
लखनऊ- कोई समय सीमा नहीं

मुरादाबाद- रात 8 बजे तक

अमरोहा- शाम 6 बजे तक

संभल- रात 8 बजे तक

गाजियाबाद- रात 10 बजे तक

मेरठ- रात 8 बजे तक

कानपुर- रात 9 बजे तक

सीतापुर- अगले आदेश तक

शामली- शाम 6 बजे तक

बुलंदशहर- कल सुबह 5 बजे तक

सहारनपुर- कल शाम तक

फिरोजाबाद- शाम 6 बजे तक

मथुरा- शाम 6 बजे

आगरा-अगले आदेश तक

बिजनौर- कल सुबह 5 बजे

 

22 जिलों में हुई थी हिंसा
नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में बीते शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के 22 जिलों में हिंसा हुई थी। मेरठ, वाराणसी, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, संभल, फिरोजाबाद, कानपुर और रामपुर में 19 लोगों की जान गई थी।

(प्रतीकात्मक फोटो)