सार
कुछ जालसाज लोगों से मोटी रकम लेकर उन्हें फर्जी पास उपलब्ध करवा रहे हैं। गोरखपुर में पुलिस ने एक ऐसे ही गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने गिरोह के दो सदस्यों सहित पास बनाने के उपकरण बरामद किए हैं।
लखनऊ(Uttar Pradesh). लॉकडाउन में लोगों के घरों से निकलने पर प्रतिबंध है। इसके लिए प्रशासन ने ई-पास की व्यवस्था की है। बीमारी या किसी अन्य अति आवश्यक कार्य के लिए आपको अगर घर से बाहर जाना है तो उसके लिए ऑनलाइन पास बनाए जा रहे हैं। लेकिन उचित आवश्यक कारण के परिप्रेक्ष्य में दस्तावेज देने के बाद ही प्रशासन पास देने पर विचार करेगा। ऐसे में कुछ जालसाजों ने इसे भी अपनी कमाई का जरिया बना रखा है। जालसाज लोगों से मोटी रकम लेकर उन्हें फर्जी पास उपलब्ध करवा रहे हैं। गोरखपुर में पुलिस ने एक ऐसे ही गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने गिरोह के दो सदस्यों सहित पास बनाने के उपकरण बरामद किए हैं।
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में लॉकडाउन में ई-पास बनाने के अवैध धंधे का पुलिस ने खुलासा किया है। गोरखपुर के तिवारीपुर थाना क्षेत्र में मोहम्मद इस्लाम, जाफ़रा बाज़ार थाना तिवारीपुर निवासी मीट की दुकान चलाता है। उसने लॉकडाउन में भी मीट की दुकान चलाने के लिए जुगाड़ लगाया और फर्जी पास का सहारा लिया। मामला तब प्रकाश में आया जब तिवारीपुर थाना प्रभारी सत्य प्रकाश सिंह और उनकी टीम के द्वारा वाहनों की चेकिंग की जा रही थी तभी मोहम्मद इस्लाम भी अपने फर्जी पास लिए मिल गया। पुलिस को ये पता था कि जिला प्रशासन के द्वारा मीट की दुकान खोलने के लिए पास जारी नहीं किया गया है। ऐसे में जब पुलिस ने पास की गहनता से जांच किया तो पता चला की पास फर्जी है। मीट की दुकान चलाने के लिए मोहम्मद इस्लाम ने फर्जी पास बनवाया था।
पूछताछ में हुआ पूरे गिरोह का भंडाफोड़
पुलिस द्वारा कड़ाई से पूछताछ की गई तो मोहम्मद इस्लाम ने बताया कि उसने फर्जी पास बेनीगंज थाना कोतवाली क्षेत्र निवासी अनस से बनवाया है। जिस पर पुलिस ने अनस को भी गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में अनस ने बताया कि पैसे की लालच में वो फर्जी पास बना रहा था। अब तक उसने तीन लोगों को फर्जी पास बना कर दिया है। उसके लैपटॉप में 4 लोगों का पास और मिला। फिलहाल पुलिस जांच कर रही है कि अब तक कितने लोगों का फर्जी पास बनाया गया है।
पुलिस को पहले भी मिल चुकी थी शिकायतें
फर्जी ई-पास बनाने के मामले में सीओ कोतवाली वीपी सिंह ने बताया है कि जिला प्रशासन को शिकायत मिली थी कि कुछ लोग फर्जी तरीके से ई-पास बनाकर दुकान का संचालन कर रहे हैं। ऐसे में पुलिस ने अभियान चलाकर फर्जीवाड़े का खुलासा किया है।