सार
गाजियाबाद में LED टीवी ब्लास्ट हुआ था, जिसके बाद सदमें में आकर परिवार ने अनोखी कसम खा ली है। लोगों का कहना है कि अब टीवी का नाम सुनकर भी डर लगता है। इस घटना के बाद से कभी टीवी नहीं खरीदेंगे।
गाजियाबाद: यूपी के गाजियाबाद के साहिबाबाद स्थित टीला मोड़ थाना क्षेत्र में 15 दिन पहले एलईडी टीवी फटने का मामला सामने आया था। इस घटना में घायल हुआ युवक 15 दिनों से जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा था लेकिन अब उसकी मौत हो गई। इतना ही नहीं इस भयावह हादसे में दो किशोर और एक महिला घायल हुई थी। अभी भी महिला का इलाज अस्पताल में जारी है। बता दें कि ब्लास्ट की घटना में फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट में किसी बारूद का सबूद नहीं बल्कि टीवी फटने की पुष्टि हुई थी। पुलिस का कहना है कि एलईडी टीवी से ही विस्फोट हुआ था। पुलिस ने हादसे के बाद कमरे से ताला लगा दिया था, जो अब खोल दिया है।
हादसे के दौरान कमरे में मौजूद लोग हुए थे घायल
इस हादसे के बाद परिवार का कहना है कि अब कभी भी टीवी नहीं खरीदेंगे। इतना ही नहीं पड़ोस में रहने वाले लोगों ने भी अपने पुरानी टीवी बेच दिए हैं। शहर के हर्ष विहार द्वितीय में ऑटो ड्राइवर निरंजन परिवार के साथ रहते हैं। चार बेटों में सबसे छोटा होमेंद्र दिल्ली की सुंदर नगर कॉलोनी के स्कूल में 11वीं कक्षा का छात्रा था। दरअसल बीते चार अक्टूबर को युवक अपने दोस्त के साथ घर की तीसरी मंजिल पर बने कमरे में था। इस दौरान उसकी मां ओमवती भी कमरे में काम कर रही थीं पर अचानक दीवार पर लगा एलईडी टीवी तेज धमाके के साथ फट गया। कमरे में मौजूद तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
टीवी फटने के बाद से नाम सुनकर भी लगता है डर
तीनों की गंभीर हालत देखते हुए जीटीबी अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां डॉक्टरों ने होमेंद्र को मृत घोषित कर दिया था। उसके बाद पुलिस ने फॉरेंसिक जांच कराई तो बारूद का कोई साक्ष्य नहीं मिले। घटना के बाद पड़ोसियों का आरोप था कि परिवार दीपावली के लिए पटाखे बनाने का काम कर रहा था और टीवी फटने की बात पर लोगों को विश्वास नहीं हो रहा था। पीड़ित के भाई ने पुलिस से कहा कि अब कभी टीवी नहीं खरीदेंगे। उन्हें नहीं पता था कि टीवी भी फट सकता है। इस हादसे के बाद से टीवी के नाम से ही डर लगता है। वहीं मृतक युवक की मां की हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है।
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