सार
चिकिस्सा विभाग को लेकर आये दिन लापरवाही सामने आती रहती है। इसी कड़ी में रिक्शा ठेला पर महिला मरीज को अस्पताल ले जाने पर लापरवाही बरतने के आरोप में चिकित्सक समेत दो को बर्खास्त कर दिया गया है।
गाज़ियाबाद : चिकिस्सा विभाग को लेकर आये दिन लापरवाही सामने आती रहती है। इसी कड़ी में रिक्शा ठेला पर महिला मरीज को अस्पताल ले जाने पर लापरवाही बरतने के आरोप में चिकित्सक समेत दो को बर्खास्त कर दिया गया है। वहीं प्रारंभिक जांच में यह तथ्य सामने आया है कि महिला मरीज को एआरटी सेंटर में तैनात चिकित्सक शील वर्मा ने रिक्शा
के ऊपर ही देख लिया और दूसरी जगह पर रेफर कर दिया गया है। मरीज को प्राथमिक उपचार तक नही दिया गया है।
जानिए क्या था मामला
जानकारी के मुताबिक ये बताया गया कि बुधवार को एंबुलेंस का इंतजार करने के बाद साहिबाबाद बी ब्लाक की झुग्गियों में रहने वाली जयमाला देवी को उसके पति श्रवण सिंह,उनका बेटा छोटू और बेटी शोभा रिक्शा ठेला में डालकर जिला एमएमजी अस्पताल लेकर पहुंचे। रिक्शा को जयमाला देवी का दामाद राकेश चलाकर लाया था। जिसके बाद डॉक्टर ने उसका इलाज भी उसी रिक्शे पर कर दिया और दूसरी जगह रिफर कर दिया है। इसी के बाद से इस मामे ने तूल पकड़ लिया है।
इस लापरवाही पर उपमंख्यमंत्री बृजेश पाठक ने मांगी रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के उपमंख्यमंत्री बृजेश पाठक ने इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए बृहस्पतिवार को सीएमओ गाजियाबाद से जांच कराते हुए रिपोर्ट मांगी गई है। इसी क्रम में सीएमओ डा.भवतोष शंखधर ने जिला एमएमजी अस्पताल के सीएमएस डा.मनोज कुमार चतुर्वेदी को जांच कराने के निर्देश दिए गए है। सीएमएस ने डा. एके दीक्षित, डा. संतराम वर्मा और डा. पंकज शर्मा से इस प्रकरण की जांच कराई गई है। जांच के दौरान लापरवाही बरतने के आरोपी डा. शील वर्मा और वार्ड ब्वाय मयंक के बयान सामने आये है। जिसके बाद जांच रिपोर्ट में पाया गया कि डा. शील वर्मा ने घोर लापरवाही बरती है। इससे स्वास्थ्य विभाग की छवि खराब हुई और लापरवाही बरतने वाले सभी लोगों को डिपार्मेंट से छुट्टी दे दी गई है।
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