सार
समाजवादी पार्टी को एमएलसी चुनाव से पहले बड़ा झटका लगा है। पूर्व सांसद राधेमोहन ने गंभीर आरोप लगाते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इसी के साथ उन्होंने अखिलेश यादव पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं।
गाजीपुर: एमएलसी चुनाव से पहले गाजीपुर जिले में समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। पूर्व सांसद राधेमोहन ने समाजवादी पार्टी से अपना त्यागपत्र दे दिया है। उन्होंने यह फैसला 33 साल तक पार्टी में रहने के बाद लिया है। राधेमोहन ने प्रेस वार्ता कर अखिलेश यादव को त्यागपत्र भेजने की बात कही। इसी के साथ उन्होंने कई गंभीर आरोप भी अखिलेश पर लगाए।
राधेमोहन ने कहा कि उनकी पत्नी को गाजीपुर नेतृत्व ने जिला पंचायत का टिकट नहीं दिया था। उन्होंने यह भी कहा कि शुरुआत से लेकर 2022 तक उनके द्वारा पार्टी को मां का दर्जा दिया गया। वह पूरे राजनैतिक जीवन में अब तक सपा के साथ रहे और निष्कलंकित रहे। साल 2014, 2017 और 2019 तक हर चुनाव में उन्होंने पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ उन्होंने पार्टी की सेवा की। हालांकि जब जिला पंचायत चुनाव में टिकट की मांग के बाद उन्हें हराने के लिए ओम प्रकाश राजभर को लगाया गया। तेज बहादुर सिंह अस्पताल में थे। सभी लोग उनकी सेवा में लगे थे। बावजूद इसके उन्हें 31 वोटों से हारा नहीं हराया गया था।
किसी अन्य दल में नहीं होंगे शामिल
राधेमोहन ने कहा कि वह किसी भी अन्य दल में शामिल नहीं हो रहे हैं। वह जनता की सेवा को अपना धर्म समझते हैं और आगे भी समाजसेवा करते रहेंगे। वह आगे भी तेज बहादुर के समाज सेवा के आदर्शों को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य करेंगे।
सपा में नहीं है कार्यकर्ताओं का सम्मान
राधेमोहन ने कहा कि उनका भाई द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए नामित हुआ है। हालांकि उनके निधन पर अखिलेश यादव ने संवेदना तक व्यक्त नहीं की। जब उनकी माताजी का निधन हुआ तो मुलायम सिंह खुद हमारे घर तक चल कर आए थे। राधेमोहन ने आगे कहा कि अब सपा में ना ही कार्यकर्ताओं का सम्मान रह गया है न ही प्रतिष्ठा।
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