सार

पति बकरी चराने के लिए गया था। इसी दौरान एक बकरी खराब पड़े कुएं पर रखी करब पर चढ़ गई थी। बकरी को हांकने के प्रयास में गौतम बकरी समेत कुएं में गिर गया था। जिससे दोनों की मौत हो गई थी।

आगरा (Uttar Pradesh)। गरीबी का दर्द क्या होता है यह इस खबर से समझ सकते हैं। किसी तरह परिवार का खर्च उठाने वाले पति की कुएं में गिरने से हुई मौत के बाद पत्नी कफन तक नहीं दे सकी। हालांकि पत्नी के पास कफन खरीदने तक के पैसे न होने की जानकारी पर ग्रामीण आगे आए। एक-दूसरे की मदद से उसके पति का अंतिम संस्कार कराया। दिल झकझोर देने वाली यह घटना बाह क्षेत्र के जरार क्रांति नगर गांव की है।  

यह है पूरा मामला
गौतम (30) गौतम का परिवार बेहद गरीब है। गौतम बकरी चराने के लिए गया था। इसी दौरान एक बकरी खराब पड़े कुएं पर रखी करब पर चढ़ गई थी। बकरी को हांकने के प्रयास में गौतम बकरी समेत कुएं में गिर गया था। जिससे दोनों की मौत हो गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को बाहर निकालकर पोस्टमार्टम के बाद भेज दिया। 

पति के कफन के लिए रोने लगी पत्नी
पोस्टमार्टम के बाद गौतम का शव घर पर पहंचा तो अंतिम संस्कार के लिए खर्च की समस्या खड़ी हो गई। पति की मौत के बाद अनीता के पास इतने रुपये नहीं थे कि वो कफन भी खरीद सके। जिसे लेकर वो रो रही थी।

इस तरह हुआ अंतिम संस्कार
पूर्व प्रधान शारदा सिंह को गौतम के परिवार के बारे में जानकारी हुई। इसके बाद वो शव ले जाने के लिए ट्रैक्टर और अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी का इंतजाम किए, जबकि भतीजे करतार सिंह ने अन्य सामान जुटाया। इसके बाद गांव के 10-12 लोगों की मौजूदगी में बेटे अरमान ने पिता की चिता को मुखाग्नि दी।

गांव के लोगों ने कही ये बातें
झोपड़ी में रहने वाली मृतक की पत्नी अनीता 4 बच्चों गुलशन (7), अरमान (5), विजय नंदन (3), गुड्डू (1) की परवरिश को लेकर चिंतित है। गांव के लोगों का कहना है कि भगवान ऐसी गरीबी किसी को न दे। उन्होंने शासन-प्रशासन से अनीता और उसके बच्चों के भरण पोषण की मदद की गुहार लगाई है।