सार
यूपी के गोंडा में 8 साल के मासूम की डूबने से मौत का मामला सामने आया। बच्चे का शव 8 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद निकाला गया। प्रशासन की ओर गोतखोर का इंतजाम न होने से लोगों की नाराजगी भी सामने आई।
गोंडा: तरबगंज तहसील क्षेत्र के अमदही गांव में अष्टावक्र आश्रम के समीप स्थित बरसौत झील के रामघाट पर पूजा के दौरान 8 वर्षीय बच्चा डूब गया। पांच घंटे के बाद पहुंचे गोताखोरों ने शव को झील से बरामद किया। इसके बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। जिला प्रशासन के अधिकारियों के खिलाफ भी परिजनों की नाराजगी सामने आ रही है। हालांकि मौके पर मौजूद अधिकारियों के द्वारा उन्हें समझाने का प्रयास किया गया। परिजनों ने बच्चे की खोजबीन में लापरवाही का आरोप लगाया है।
5 घंटे की मशक्कत के बाद मिला शव
घटना सोमवार की सुबह 6 बजे के करीब रामघाट पर घटित हुई। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि महिलाएं सूर्य भगवान को अर्क देने के लिए झील के किनारे इकट्ठा हुई थीं। इसी बीच अचानक 8 वर्षीय सुधांशु गुप्ता पुत्र राजेंद्र गुप्ता का पैर फिसल गया। पैर फिसलते ही वह पानी में पहुंच गया और इसके बाद घंटों तक उसका कोई पता न लगा। खोजबीन के बीच 5 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद गोताखोरों ने बच्चे का शव झील से बरामद किया। परिजनों का आरोप है कि मौके पर प्रशासन की भी मौजूदगी थी लेकिन फिर भी गोताखोरों की व्यवस्था नहीं करवाई गई।
प्रशासन की लापरवाही आई सामने
गौरतलब है कि लंबे समय से छठ पूजा को लेकर तैयारियां चल रही थीं। लगातार दावे हो रहे थे कि इस पर्व के दौरान कोई भी घटना न हो इसके लेकर व्यापक इंतजाम किए गए हैं। गोताखोरों की मौजूदगी को लेकर भी बाते सामने आ रही थीं। हालांकि सोमवार की सुबह जब यह हादसा हुआ उस दौरान किसी भी गोताखोर का इंतजाम वहां पर प्रशासन के द्वारा नहीं करवाया गया। इसको लेकर परिजनों और अन्य लोगों की नाराजगी भी वहां पर देखने को मिली। इतने बड़े आयोजन के दौरान भी प्रशासन की इस तरह की लापरवाही पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।