सार
स्टिंग ऑपरेशन के जरिए जो लेखपाल के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है, वह उसमें दोषी पाए गए है। इस वीडियो में पैमाइश के लिए घूस मांगने पर निलंबित कर दिया गया है। उस वीडियो पर 16 हजार रुपए की घूस लेते दिख रहा है।
गोरखपुर: राज्य में दोबारा मुख्यमंत्री का पद संभाल रहे योगी आदित्यनाथ अधिकारियों पर शिकंजा दे रहे तो वहीं अन्य अधिकारी भी घूस मांगने वाले अधिकारियों पर नजर लगातार बनाए रखे हुएहै। इसी कड़ी में गोरखपुर में पैमाइश के लिए घूस मांगने वाले लेखपाल को निलंबित कर दिया गया है। शुक्रवार को आरोपी सदर तहसील क्षेत्र के लेखपाल प्रवीण शाही को पद से निलंबित कर दिया गया है।
रिपोर्ट के आधार पर होगी कार्रवाई
गोरखपुर जिले में पैमाइश के लिए घूस मांगने के आरोपी सदर तहसील क्षेत्र के लेखपाल प्रवीण शाही को शुक्रवार को निलंबित कर दिया गया है। इसके साथ ही इस पूरे मामले की जांच को तहसीलदार सदर वीरेंद्र गुप्ता को दी गई है। आगे की जांच तहसीलदार विभागीय जांच करेंगे उसके बाद रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
16 हजार की घूस लेते दिखा लेखपाल
सदर तहसील के हल्का नंबर 65 में तैनात लेखपाल प्रवीण शाही पर आरोप है कि एक आवेदक से पैमाइश के लिए रुपए मांगे थे। जिसकी शिकायत मिलने के बाद डीएम विजय किरन आनंद ने ज्वाइंट मजिस्ट्रेट सदर कुलदीप मीणा की मदद से लेखपाल का स्टिंग ऑपरेशन कराया। इसके जरिए जो वीडियो बना उसकी मदद से दावा किया जा रहा है कि लेखपाल 16 हजार रुपए घूस लेते दिख रहा है। इसके साथ ही चार हजार धनराशि और प्राप्त होने पर पैमाइश करने की बात कहते व सुना व देखा जा रहा है।
लेखपाल के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा
स्टिंग ऑपरेशन में दोषी पाने के बाद से नायब तहसीलदार सदर ने लेखपाल के खिलाफ कैंट थाने में भ्रष्टाचार एवं अन्य धाराओें में मुकदमा दर्ज कराया है। वहीं ज्वाइंट मजिस्ट्रेट सदर ने बताया कि लेखपाल का यह कार्य अनुशासनात्मक क्रियाकलाप के खिलाफ मानते हुए उसे तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। विभागीय जांच कराई जा रही है, रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी।
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