सार
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी मामले में एएसआई के सर्वे पर लगी रोक को 31 अगस्त तक बढ़ा दिया है। मामले में मंगलवार को डेढ़ घंटे तक सुनवाई चली और अगली तारीख तय की गई।
प्रयागराज: हाईकोर्ट ने काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद विवाद को लेकर मंगलवार को सुनवाई की। इस दौरान हाईकोर्ट में तकरीबन डेढ़ घंटे तक सुनवाई चली। सुनवाई में मस्जिद इंतजामिया कमेटी की ओर से बहस की गई। इसके बाद हाईकोर्ट ने एएसआई के सर्वे पर लगी हुई रोक को 31 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया। मामले में मस्जिद इंतजामिया कमेटी की ओर से अधिवक्ता सैयद फरमान नकवी ने अदालत में पक्ष रखा। उन्होंने मंदिर पक्ष की ओर से पूर्व में रखी दलीलों को भी जवाब दिया।
प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 का भी किया गया जिक्र
आपको बता दें कि अधिवक्ता एसएफए नकवी और पुनीत गुप्ता ने बहस की। इस बीच उन्होंने कहा कि अदालत में विचाराधीन सिविल वाद में सीपीसी के आदेश 7 नियम 11 के अंतर्गत दाखिल अर्जी पहले तय की जानी चाहिए। इसके बाद ही मामले की सुनवाई की जानी चाहिए। याची का कहना है कि प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 के तहत 1947 की स्थिति बहाल रखने के कारण सिविल वाद ग्राह्य ही नहीं है।
विवादित स्थल को बताया गया वक्फ की संपत्ति
मामले को लेकर याची अधिवक्ता की ओर से मूल वाद संख्या 62 सन 136 भी प्रतिनिधि के रूप में दाखिल किया गया। इसमें कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद में नमाज पढ़ने को लेकर मुस्लिम अधिकारों को मान्यता दी है। यह भी कहा गया कि विवादित स्थल वक्फ की संपत्ति है। वक्फ संपत्ति हमेशा के लिए वक्फ की संपत्ति मानी जाएगी। हालांकि मामले में समय की कमी के चलते सुनवाई पूरी न हो सकी। इसके बाद मामले में अगली सुनवाई 3 अगस्त को जारी रहेगी। आपको बता दें कि इस मामले में मस्जिद इंतजामिया कमेटी व यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की ओर से कुल 5 याचिकाएं दाखिल की गई है। फिलहाल मामले में कोर्ट ने एएसआई के सर्वे पर लगी हुई रोक को 31 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया है। इसी के साथ इस मामले की अगली सुनवाई के लिए तारीख भी तय कर दी है।
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