सार
कमीशन से हटाए जाने के बाद अजय मिश्र ने कहा कि यदि उन्होंने किसी पर भरोसा किया और उसने धोखा दिया तो उसमें उनकी कोई गलती नहीं है। कमीशन से हटाए जाने के बाद भी उन्होंने सर्वे के बारे में जानकारी देने से इंकार किया।
वाराणसी: ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी प्रकरण में एडवोकेट कमिश्नर अजय मिश्र को अदालत की ओर से कमीशन से हटा दिया गया है। मामले को लेकर अब विशेष एडवोकेट कमिश्नर विशाल सिंह कमीशन की कार्यवाही की रिपोर्ट अदालत में प्रस्तुत करेंगे। रिपोर्ट के लिए उन्हें दो दिन का वक्त दिया गया है। इसी के साथ मामले में वादी पक्ष की ओर से दाखिल एक प्रार्थना पत्र पर कोई निर्णय नहीं करते हुए बुधवार को सुनवाई की बात कही। इस प्रार्थना पत्र में वादी ने तहखाने के एक कुछ हिस्सों में रखे मलबे को हटाने और एक बंद हिस्से की दीवार को तोड़कर फिर से सर्वे की मांग की।
हटाए जाने के बाद सामने आए अजय मिश्र
कमीशन से हटाए जाने के बाद अजय मिश्र ने कहा कि मैंने किसी पर भरोसा किया अगर वह मुझे धोखा दे गया तो उसमें मेरी कोई गलती नहीं है। आखिर अदालत ने मुझे क्यों हटाया है यह आदेश सामने आने के बाद ही पता लग सकेगा। विशाल सिंह द्वारा सहयोग न किए जाने की बात पर अजय मिश्र ने कुछ भी कहने से इंकार किया। उन्होंने कहा कि विशाल सिंह की शिकायत पर यह हुआ है। मुझे उनसे ऐसी उम्मीद नहीं थी।
एडवोकेट कमिश्नर अजय मिश्रा पर लगे गंभीर आरोप
16 मई को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में वीडियो और फोटोग्राफी पूरी होने के बाद एडवोकेट कमिश्नर को मंगलवार को रिपोर्ट अदालत में दाखिल करने का आदेश दिया था। इसी को लेकर विशेष एडवोकेट कमिश्नर की ओऱ से प्रार्थनापत्र दाखिल किया था। कहा गया कि सर्वे की रिपोर्ट को कौन दाखिल करेगा। इस प्रार्थनापत्र पर बहस के बीच मुस्लिम पक्ष ने एडवोकेट कमिश्नर अजय मिश्रा पर गंभीर आरोप लगाया। उनका साफतौर पर कहना था कि बाहरी व्यक्ति को कार्यवाही में शामिल किया गया जिससे गोपनीयता भंग हुई। इसी का संज्ञान लेते हुए अदालत ने अजय मिश्र को हटा दिया। जिसके बाद रिपोर्ट विशेष एडवोकेट कमिश्नर विसाल सिंह द्वारा दाखिल की जाएगी।
दो दिन का समय मांगा गया
विशाल सिंह के द्वारा रिपोर्ट को दाखिल करने के लिए दो दिनों का समय मांगा गया था। जिसके बाद कोर्ट ने इस समय को दे दिया। ज्ञात हो कि अदालत ने अजय मिश्रा को एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया था। इसको लेकर छह व सात माई को कार्यवाही के बाद अदालत ने 13 से 16 मई तक फिर से फोटो और वीडियोग्राफी के आदेश दिए। इसी के साथ 17 मई तक रिपोर्ट पेश करने को कहा था। जिसके बाद ही मामले में दो दिन का और समय मांगा गया।
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