सार
सुन्नी मुसलमानों के सबसे बड़े केंद्र दरगाह आलाहज़रत के प्रचारक मौलाना सहाबुदीन ने कहा कि हमने बाबरी मस्जिद को खो दिया, उस वक्त मुसलमानों ने सुप्रीम कोर्ट की बात को मान लिया था और मुस्लमान ने शांति इख्तियार कर रखी थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।
बरेली: ज्ञानवापी मसले को लेकर माहौल गरमाता जा रहा है। केर्ट के फैसले के बाद औवैसी की दर्द भी छलका था, और अब ऐसा ही दर्द सुन्नी मुसलमानों के सबसे बड़े केंद्र दरगाह आलाहज़रत के प्रचारक मौलाना सहाबुदीन की भी तकलीफ देखने को मिल रही है।
मौलाना सहाबुदीन ने ज्ञानवापी को लेकर दिया बयान
ज्ञानवापी के मामले को लेकर मुस्लिम पक्ष ने काफी कड़ा रूख इख्तियार किया है। औवैसी के बाद अब सहाबुदीन ने कहा कि "हमने बाबरी मस्जिद को खो दिया, उस वक्त मुसलमानों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को मानते हुए खामोशी इख्तियार की, मगर अब मुसलमान खामोश नहीं बैठेगा। आगे कहा कि इसको फिरकापरस्त ताकतें आगे बढ़ा रही हैं। हमने बाबरी मस्जिद को खो दिया लेकिन अब मुसलमान खामोश नहीं बैठेगा, अगर दूसरी मस्जिद पर हमला किया गया। "
ज्ञानवापी के अलावा सहाबुदीन ताजमहल को लेकर भी कही ये बात
प्रचारक मौलाना सहाबुदीन ने कहा कि बाबरी मस्जिद की तरह उसको बनाने की कोशिश की गई तो हिंदुस्तान का मुसलमान खामोश नहीं बैठेगा और आंदोलन हो सकता है। वो यहीं शांत नहीं रहे उन्होंने ताजमहल को लेकर कहा कि "शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज की मोहब्बत में ताजमहल बनवाया था, ये जमीन भी उनकी थी। आगे बोला कि ताजमहल का मुद्दा उठाना गलत बात है, मगर उस पर हाई कोर्ट के जज ने बेहतरीन फैसला देते हुए फटकार लगाई और अपील को खारिज कर दिया ये नेगेटिव सोच के लोग रोजाना कोई ना कोई इश्यू उठाते हैं, जो हिन्दू मुस्लिम नफरतों को बढ़ाने वाला काम करते हैं।"
आइये जानते है औवेसी ने ज्ञानवापी को लेकर क्या कहा
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि "हम एक मस्जिद को चुके हैं, दूसरा नहीं खोना चाहते. उन्होंने कहा कि कोर्ट का फैसला गलत है. मस्जिद कमिटी को सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिए और सर्वे को रोकना चाहिए। सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था कि कोर्ट का फैसला संसद के 91 एक्ट के खिलाफ है। उन्होंने कहा, 'जो सच है वो सच रहेगा। अगर सरकार 91 एक्ट को खत्म कर दे तो अलग बात है"।
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