सार

वाराणसी में ज्ञानवापी सर्वे को लेकर माहौत गर्माता जा रहा है। अब कोर्ट कमिश्नर को बदलने की याचिका डाली थी, ज्िसको लेकर आज सुनवाई होना है।  इस मामले की सुनवाई  सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर करेंगे।

वाराणसी: ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे के बीच अधिवक्ता कमिश्नर को बदलने को लेकर मंगलवार को सुनवाई हुई। इस बीच कोई भी फैसला न्यायालय की ओर से मंगलवार को नहीं लिया गया। सुनवाई पूरी न होने के चलते बुधवार 11 मई को फिर से सुनवाई होगी। सुनवाई पूरी होने के बाद बुधवार को फैसला होने के आसार हैं। वादी अधिवक्ता नन्दन चतुर्वेदी ने कहा कि दोनों पक्षों को सुना गया। प्रतिवादी ने जोरदार तरीके से पक्ष रखा। कथाओं की तरह निरर्थक तथ्यों को रखा गया। कमिशन होने के निर्णय के बाद जो तथ्य उठाए गए उनका कोई अर्थ ही नहीं था। प्रतिवादी पक्ष ऐसा कमिश्नर चाह रहा है जो तथ्यों को नकार कर उनके पक्ष की बात करे। उनकी ओर से दी गई आपत्ति निरर्थक है। बुधवार को निर्णायक फैसला आ सकता है।

आपको बता दें कि अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी ने 7 मई को वाराणसी में ज्ञानवापी सर्वे के कोर्ट कमिश्नर को बदलने की याचिका डाली थी।  इस याचिका पर आज तीसरे दिन दोपहर के बाद सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर सुनवाई की। सोमवार को इस मामले में कोर्ट के सम्मुख कोर्ट कमिश्नर और वादी पक्ष ने अपनी-अपनी आपत्तियां प्रस्तुत की थीं।

सिविल जज की अदालत में हुई सुनवाई
सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत में ज्ञानवापी परिसर स्थित मां शृंगार गौरी समेत अन्य देव विग्रहों के सर्वे व वीडियोग्राफी के लिए नियुक्त अधिवक्ता आयुक्त को हटाने संबंधी आवेदन पर सोमवार को भारी गहमागहमी के बीच सुनवाई हुई। हालांकि आदेश नहीं हो सका। अदालत ने अंजुमन इंतजामिया मसाजिद की तरफ से कमिश्नर को हटाने के आवेदन पर सोमवार को वादी पक्ष और सर्वे कमिश्नर से आपत्ति मांगी। इसके बाद मंगलवार को भी सुनवाई की गई। सुनवाई पूरी न होने के चलते बुधवार को समय दिया गया। 

कोर्ट के बाहर कड़ा पहरा 
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट परिसर में भारी पुलिस फोर्स तैनात की गयी है साथ सुरक्षा एजेंसियां भी अलर्ट हैं। पूरे कोर्ट परिसर में सख्त सुरक्षा पहरा लगाया गया है। 
इस समय कोर्ट के बाहर काफी गहमा-गहमी देखने को मिल रही है। कुछ देर में ज्ञानवापी मस्जिद-शृंगार गौरी सर्वे में कोर्ट कमिश्नर को बदलने का मामला सुना जाएगा। बता दें कि वादी पक्ष लगातार कह रहा है कि इस सर्वे में बैरीकेडिंग और मस्जिद तहखाने के सर्वे के भी कोर्ट ने आदेश दिए हैं पर प्रतिवादी पक्ष के अनुसार बैरिकेडिंग के अंदर जाने की बात कोर्ट के ऑर्डर में नहीं है। इसलिए कोर्ट कमिश्नर बदला जाए क्योंकि वो वादी पक्ष की तरफ से कार्य कर रह हैं ना की निष्पक्ष।

पांचों महिलाएं बोलीं- केस नहीं लेंगे वापस
ज्ञानवापी प्रकरण को लेकर विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन ने रविवार को घोषणा की थी कि वह सोमवार को अदालत में केस वापस लेंगे। केस दर्ज करने वाली पांचों महिलाओं ने जब इससे इनकार कर दिया तो खुद को अलग-थलग पड़ता देख सोमवार को जितेंद्र सिंह बिसेन ने यू-टर्न ले लिया। कहा कि 'उनकी बात का गलत अर्थ निकाला गया। वह आदि विश्वेश्वर से संबंधित एक अन्य मुकदमे को वापस लेने आए हैं। इसके साथ ही देश विरोधी शक्तियों को हावी होते देख उन्होंने अपने संगठन की प्रदेश, मंडल, जिला और वार्ड स्तर की इकाइयों को भंग कर दिया है।'

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