सार

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी के मथुरा में स्थित ठाकुर बांके बिहारी महाराज मंदिर के प्रस्तावित डेवलपमेंट प्लान पर सुनवाई की है। कोर्ट द्वारा पूर्व जज से भीड़ नियंत्रण और विकास योजना पर निरीक्षण कर सुझाव देने का अनुरोध किया गया था।

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में स्थित ठाकुर बांके बिहारी महाराज मंदिर के प्रस्तावित डेवलपमेंट प्लान पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुनवाई की है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि मंदिर के मूल स्वरूप के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी। इसके अलावा कोर्ट ने कहा कि शासन ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के पूजा-अर्चना में लगे सेवायतों के मंदिर प्रबंधन में किसी भी तरह का हस्तक्षेप नहीं करेगा। साथ ही मंदिर के आसपास की जमीन को क्षेत्र के विकास के लिए खरीदा जाएगा। हालांकि वह जमीन ठाकुर बांके बिहारी महाराज के नाम से ही रहेगी।

पूर्व जज ने क्षेत्र में विकास के लिए पेश किया प्लान
बता दें कि चीफ जस्टिस राजेश बिंदल और जस्टिस जेजे मुनीर की खंडपीठ ने यह आदेश याची अनंत शर्मा व अन्य कई सूचीबद्ध याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए पारित किया है। वहीं मथुरा के बांके बिहारी मंदिर के आसपास के क्षेत्र में विकास के लिए हाईकोर्ट के पूर्व न्यायमूर्ति सुधीर नारायण ने एक प्लान पेश किया। पूर्व जज की तरफ से पेश की गई यह रिपोर्ट मंदिर में भीड़-भाड़ को नियंत्रित करने और मंदिर के आसपास के 5 एकड़ एरिया को विकसित करने की योजना पर है। पूर्व जज से अदालत ने भीड़ नियंत्रण और विकास योजना पर निरीक्षण कर सुझाव देने का अनुरोध किया था। जिस पर पूर्व जज ने अदालत में रिपोर्ट पेश की।

सरकार से मांगा गया प्लान
वहीं याची अनंत शर्मा और अन्य की तरफ से दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान मंदिर के सेवायतों की तरफ से कहा गया कि बांके बिहारी मंदिर के आसपास की जगह को विकसित किए जाने पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। सेवायतों ने मांग की है कि सरकार द्वारा ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के प्रबंधन में किसी भी तरह का कोई हस्तक्षेप नहीं किया जाए। जिस पर कोर्ट ने प्रशासन से न सिर्फ बांके बिहारी मंदिर बल्कि उसके आसपास बने अन्य मंदिरों के साथ भी छेड़छाड़ न करने का आदेश दिया है। सरकार की ओर से कहा गया है कि ठाकुर बांके बिहारी के नाम से लगभग 250 करोड़ रूपये जमा हैं। साथ ही अदालत ने सरकार से मंदिर के आसपास के एरिया को भी डेवलप करने का प्लान मांगा है। वहीं भीड़ को किस तरह से नियंत्रित किया जाए, सरकार से इस पर भी प्लान मांगा गया है। बता दें कि मामले की अगली सुनवाई 17 जनवरी 2023 को होगी।

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