सार
यूपी के सहारनपुर जिले की जिला कारागार में बंद कैदियों के लिए बीते माह स्वास्थ्य विभाग की ओर से जांच शिविर लगाया गया था, उसकी रिपोर्ट मंगलवार को आने के बाद स्वास्थ्य विभाग और जेल प्रशासन के होश उड़ गए। मिली जानकारी के अनुसार, जेल में बंद एक महिला समेत 24 कैदी एचआईवी संक्रमित पाए गए हैं।
सहारनपुर: जेल में बंद कैदियों के स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए स्वास्थ्य विभाग और जेल प्रशासन आपसे समन्वय से अक्सर जांच शिविर लगाकर उनके स्वास्थ्य को बेहतर करने का प्रयास करता है। वहीं, यूपी के सहारनपुर जिले की जिला कारागार में बंद कैदियों के लिए बीते माह स्वास्थ्य विभाग की ओर से जांच शिविर लगाया गया था, उसकी रिपोर्ट मंगलवार को आने के बाद स्वास्थ्य विभाग और जेल प्रशासन के होश उड़ गए। मिली जानकारी के अनुसार, जेल में बंद एक महिला समेत 24 कैदी एचआईवी संक्रमित पाए गए हैं। मामले में खुलासा होने के बाद स्वास्थ्य विभाग की ओर से जांच शिविर की रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है।
टीबी के लक्षण दिखने पर लगाया गया था जांच शिविर, 24 कैदी मिले HIV संक्रमित
मिली जानकारी के अनुसार, सहारनपुर की जिला जेल में 2200 से ज्यादा कैदी हैं। इनमें से कई कैदियों में बीते दिनों टीबी के लक्षण दिखाई दिए। जिसके बाद जांच के लिए 15 से 21 जून तक शिविर लगाया गया था। इस दौरान कैदियों की एड्स की जांच भी कराई गई थी। मंगलवार को जांच की रिपोर्ट आने के बाद स्वास्थ्य विभाग के होश उड़ गए। जांच में शामिल एक महिला समेत 24 कैदियों की रिपोर्ट एचआईवी पॉजिटिव आई है। आपको बता दें कि जेल में बंद पांंच कैदियों का एड्स का इलाज पहले से चल रहा है।
अलग अलग रिपोर्ट पेश कर रहे जेल अधीक्षिका और नोडल अधिकारी
मामले का खुलासा होने के बाद एक तरफ विभागीय अफसरों में हड़कंप मचा हुआ है तो वहीं, दूसरी ओर से जेल अधीक्षिका और नोडल अधिकारी अपनी अपनी रिपोर्ट में फंसे हुए हैं। मामले को लेकर जेल अधीक्षिका अनिता दुबे का कहना है कि जांच शिविर में करीब छह बंदियों में एचआईवी संक्रमण की पुष्टि हुई है। जेल में कुल 24 एचआईवी के मरीज हैं। इनमें ज्यादातर ड्रग ऐडिक्ट हैं। वहीं, नोडल अधिकारी डॉ. रणवीर सिंह का कहना है कि 24 कैदियों में एचआईवी संंक्रमण की पुष्टि हुई है। जेल में पांच माह में दो बार जांच शिविर लगाया गया था। इनकी रिपोर्ट अब आई है। इनमें टीबी और एड्स के लक्षण देखते हुए सैंपल लिए गए थे। जेल प्रशासन इन कैदियों की हिस्ट्री खंगालने में लगा है, ताकि एचआईवी संक्रमण का सोर्स पता चल सके। इन बंदियों को इलाज के लिए राज्य एड्स नियंत्रण सोसायटी और एंटी रेट्रो वायल थेरेपी सेंटर (एआरटी सेंटर) को लेटर भेजा गया है।
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