सार

मामले में सीएमओ डॉक्टर रमेश चंद्र ने कहा है कि मामले की जांच कराई जाएगी, जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। 

बाराबंकी. यूपी के बाराबंकी में एक शख्स को पत्नी और नवजात बच्चे को ठेलिया पर लादकर अस्पताल से घर लाना पड़ा। मामले में सीएमओ डॉक्टर रमेश चंद्र ने कहा है कि मामले की जांच कराई जाएगी, जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। 

एंबुलेंस में हुई डिलीवरी
मामला लोनीकटरा थाना क्षेत्र का है। यहां रहने वाले राम नरेश की पत्नी रेखा गर्भवती थी। रविवार को दर्द बढ़ने पर नरेश ने तुरंत फोन करके सरकारी एंबुलेंस मंगवाई। रेखा को एंबुलेंस से सीएचसी त्रिवेदीगंज ले जाया जा रहा था कि रास्ते में उसकी डिलीवरी हो गई। एंबुलेंस वाले ने हमें सीएचसी त्रिवेदीगंज के गेट पर उतार दिया। 

अस्पताल प्रशासन ने जब नहीं दी एंबुलेंस
राम नरेश ने बताया, जब हम अस्पताल के अंदर गए तो वहां के स्टाफ नर्स ने एक हजार रुपए की मांग की। मेरे पास पैसे नहीं थे, मैंने इंतजाम करके देने को कहा। लेकिन वो नहीं माने। पत्नी और नवजात का सही इलाज किए बिना ही हमें घर वापस लौटा दिया। यहां तक कि सीएचसी में कोई पंजीकरण भी नहीं किया, जिसके चलते उन्हें योजना के पैसे भी नहीं मिलेंगे। मैंने अस्पताल प्रशासन से प्रसूता को घर जाने के लिए 102 एंबुलेंस की मांग की, वो भी नहीं दी गई। मजबूर होकर मैंने एक ठेलिया पर पत्नी और नवजात को बैठाया और घर लेकर आ गया।