सार

यूपी में रोडवेज बसों की हकीकत जानने के लिए एक आईएएस अफसर बिल्कुल फिल्मी तरीका अपनाया। जैसे फिल्म गंगाजल में अजय देवगन आम यात्री की तरह बस में सवार हुए थे। बिल्कुल उसी तरह इस अफसर ने भी आम यात्री की तरह बस में सफर किया और यात्रियों को होने वाली दिक्कतों, रोडवेज की खामियों को जाना। इस सफर के बाद अफसर ने 2 लोगों को सस्पेंड भी कर दिया।
 

लखनऊ (Uttar Pradesh). यूपी में रोडवेज बसों की हकीकत जानने के लिए एक आईएएस अफसर बिल्कुल फिल्मी तरीका अपनाया। जैसे फिल्म गंगाजल में अजय देवगन आम यात्री की तरह बस में सवार हुए थे। बिल्कुल उसी तरह इस अफसर ने भी आम यात्री की तरह बस में सफर किया और यात्रियों को होने वाली दिक्कतों, रोडवेज की खामियों को जाना। इस सफर के बाद अफसर ने 2 लोगों को सस्पेंड भी कर दिया।

क्या है पूरा मामला
आईएएस राजशेखर यूपी परिवहन विभाग के एमडी हैं। रविवार को ये रोडवेज बसों की हकीकत जानने के लिए खुद एक आम यात्री बन गए। उन्होंने बाराबंकी से पॉलीटेक्निक चौराहे तक एक बस में सफर किया। ये बस अकबरपुर डिपो की थी जोकि अयोध्या से चलकर लखनऊ आ रही थी। बाराबंकी में सवार हुए राजशेखर को बस डाइवर और कंडक्टर पहचान नहीं सके। आम यात्री की तरह उनका टिकट काटा गया और बैठने का कहा गया। यही नहीं, बस में सवार कोई यात्री भी उन्हें पहचान नहीं सका।

सफर के दौरान बस में मिली ये खामियां
जानकारी के मुताबिक, यात्रा के दौरान अफसर ने बस की कंडीशन देखी। कर्मचारियों का व्यवहार परखा। बस में उस समय कुल 17 यात्री मौजूद थे। जिनसे उन्होंने फीडबैक भी लिया। इस दौरान आईएएस को बस में 
कुछ खिड़कियों से कांच और लेचेस गायब मिले। बस के अंदर रेलिंग/होल्डिंग कुछ हिस्सों में गायब थी। इमरजेंसी डोर लटक रहा था। कई जगहों पर सीट कवर फटे थे। हर जगह गंदगी फैली थी। ज्यादातर बसें बाराबंकी न्यू बस स्टेशन में प्रवेश करने के बजाय बाहर से ही निकलती मिलीं।

अफसर ने कहा, हर महीने ऐसे करूंगा सफर 
निरीक्षण के बाद एमडी राजशेखर ने लापरवाह अकबरपुर डिपो के बॉडी मैकेनिक को सस्पेंड कर दिया। वहीं अकबरपुर डिपो के ग्रुप इंचार्ज को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई। बस के खराब रखरखाव के लिए एआरएम अकबरपुर डिपो और एसएम आजमगढ़ को नोटिस जारी किया गया। साथ ही सभी आरएम को 31 मार्च तक हर बस में डस्टबिन रखवाने के निर्देश दिए गए। एमडी ने कहा, वो हर महीने बस में सफर करके यात्री सुविधा परखेंगे।



अफसर ने ड्राइवर की पीठ थपथपाई
सफर के दौरान ड्राइवर ने गति सीमा पर बस चलाई। इसके लिए एमडी ने ड्राइवर की पीठ भी थपथपाई। यही नहीं, ड्राइवर और कंडक्टर से बात कर उनकी समस्याओं को भी सुना।