सार
अब फ्रांस, जर्मनी व स्पेन के नागरिकों को भी नेपाल के रास्ते भारत प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। बता दें कि इसके पहले कोरोना संक्रमण के मद्देनजर चीन, कोरिया, ईरान, जापान व इटली के नागरिकों का भारत प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया था। आव्रजन अधिकारी ने बताया कि कोरोना के मद्देनजर अब तक आठ देशों के नागरिकों पर यह प्रतिबंध लग चुका है।
लखनऊ (Uttar Pradesh)। कोरोना वायरस को लेकर सरकार सख्त है। यदि कोरोना वायरस का कोई भी संदिग्ध रोगी, पारिवारिक सदस्य या संपर्क में आया व्यक्ति जांच नहीं करवाता है और जांच करने के लिए पहुंची टीम का सहयोग नहीं करता है तो उसे छह माह तक की कैद, एक हजार रुपये जुर्माना या दोनों सजा हो सकती है, क्योंकि इसे बाधा डालकर माहौल खराब करने का आरोपी मानते हुए आईपीसी की धारा 188 के तहत संबंधित थाने में एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी। इस संबंध में निर्देश मंडलायुक्त मुकेश मेश्राम ने भी मंडल के एक दिन पहले मंडलस्तरीय ‘आउटब्रेक रेस्पॉन्स कमिटी’ की बैठक में दी। समिति के सदस्यों ने लखनऊ, हरदोई, लखीमपुर खीरी, सीतापुर समेत अन्य जिलों में कोरोना के बचाव को लेकर किए गए प्रयासों की जानकारी दी।
आठ देशों के प्रवेश पर रोक
अब फ्रांस, जर्मनी व स्पेन के नागरिकों को भी नेपाल के रास्ते भारत प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। बता दें कि इसके पहले कोरोना संक्रमण के मद्देनजर चीन, कोरिया, ईरान, जापान व इटली के नागरिकों का भारत प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया था। आव्रजन अधिकारी ने बताया कि कोरोना के मद्देनजर अब तक आठ देशों के नागरिकों पर यह प्रतिबंध लग चुका है।
उपकेंद्रों पर नहीं है कोई व्यवस्था
कोरोना के खतरे को देखते हुए हर तरफ सतर्कता बरती जा रही है। इसके बावजूद उपकेंद्रों और ई सुविधा केंद्रों पर सेनिटाइजर या हाथ धोने की व्यवस्था नहीं की गई है।
अस्पतालों में नहीं लगेगी मरीजों की लाइन
मंडलायुक्त ने जिलों में साफ-सफाई की व्यवस्था करवाने के साथ ही अस्पतालों की ओपीडी में मरीजों की लाइन लगवाने के बजाए नाम व टोकन नंबर एलईडी पर डिस्प्ले करवाने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा मनोरंजन स्थलों, रेलवे, परिवहन व एयरपोर्ट से लेकर सभी सार्वजनिक स्थलों पर लोगों को जागरूक करने के निर्देश दिए गए हैं।
(प्रतीकात्मक फोटो)