सार
प्रतापगढ़ में इलाज के अभाव में एक लड़की को गर्भवती होने के ताने सुनने पड़े। केजीएमयू में जांच के दौरान पता चला कि लड़की के पेट में 15 किलो का ट्यूमर है। केजीएमयू के डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर ट्यूमर निकाल दिया है।
प्रतापगढ़: उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में एक लड़की को गांव वाले 11 महीने तक गर्भवती समझकर उसका जीना मुहाल करते रहे। लेकिन जब सच्चाई सामने आई तो लोग हैरान रह गए। लोगों के ताने सुन-सुन कर लड़की का अपने घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया था। प्रतापगढ़ स्थित रानीगंज के दुर्गागंज गांव निवासी एक महिला को उसका पति करीब 16 साल पहले छोड़कर चला गया था। जिसके बाद महिला ने दूसरे व्यक्ति से शादी कर ली और दोनों के दो बेटियां हुईं। लेकिन दूसरे पति की आएदिन की मारपीट से परेशान महिला अपनी दोनों बच्चियों को लेकर अपने मायके आ घई और अकेले ही उनका पालने लगी।
गर्भवती समझ ताने देते रहे लोग
इसी दौरान महिला की बड़ी बेटी जिसकी उम्र 17 साल की है उसके पेट में दर्द शुरू हो गया। दर्द के कारण लड़की का पेट फूल गया तो लेग उसे गर्भवती समझने लगे। पैसों के अभाव के चलते वह अपनी जांच नहीं करा पाई जिससे उसे और उसकी मां को लोगों के तानों से जलील होना पड़ रहा था। लोग उनके बारे में तरह-तरह की बाते बनाने लगे। लड़की को गर्भवती समझ रहे लोगों का मुंह तब बंद हुआ जब इस घटना को हुए 11 महीने बीत गए और लड़की की हालत वैसी ही बनी रही। जब लड़की के गर्भवती होने का शक खत्म हो गया तो गांव के प्रधान ने स्वास्थ्य कार्यकत्री को जांच के लिए बुलाया।
पेट में निकला 15 किलो का ट्यूमर
जांच में गर्भावस्था की पुष्टि नहीं हुई और लड़की हालत अधिक बिगड़ने लगी। अपनी बेटी के इलाज के लिए उसकी मां इधर-उधर भटकने लगी लेकिन इलाज का खर्चा नहीं दे पाने की बात सुनकर डॉक्टरों ने उसे केजीएमयू भेज दिया। वहीं जब केजीएमयू जनरल सर्जरी विभाग के डॉ. सुरेश कुमार को इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने किशोरी की जांचें कराईं। किशोरी और उसकी मां की लाचारी को देखते हुए केजीएमयू प्रशासन ने सारी जांच, भर्ती शुल्क माफ कर दिया। जांच में पता चला कि लड़की के पेट में 15 किलो का ट्यूमर है। इसके बाद डॉक्टरों ने उसका ऑपरेशन कर उसके पेट से 15 किलोग्राम का ट्यूटर निकाला।
केजीएमयू में हुआ निशुल्क इलाज
ऑपरेशन के बाद किशोरी पूरी तरह से सेहतमंद है। ऑपरेशन टीम में डॉ. संजीव कुमार, सीनियर रेजिडेंट डॉ. आदेश शामिल हुए। वहीं इस पूरे मामले पर केजीएमयू प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि गरीब मरीजों को केजीएमयू में लगातार मुफ्त इलाज दिया जा रहा है। ट्यूमर की वजह से परेशान लड़की को भी मुफ्त में इलाज उपलब्ध कराया गया है। वहीं डॉ. सुरेश ने डिस्चार्ज होने के बाद युवती को घर तक जाने का किराया और भोजन आदि के लिए भी मदद की है। लड़की की मां चाहती है कि उसे सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाया जाए।