सार
यूपी के झांसी में स्थित महालक्ष्मी मंदिर में दीपावली के दिन विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। बता दें कि विवाह के बाद झांसी की रानी लक्ष्मीबाई भी हर रोज इस मंदिर में आकर विशेष पूजा करती थीं। इस मंदिर को रानी लक्ष्मीबाई का मंदिर भी कहा जाता है।
झांसी: हमारे देश में दीपावली का त्यौहार पांच दिनों तक चलता है। दीपावली पर माता लक्ष्मी, गणेश जी और कुबुरे जी की पूजा करने का विधान है। बता दें कि यूपी के झांसी जिले में दीपावली पर महालक्ष्मी की पूजा विशेष रूप से की जाती है। इस दिन झांसी के महालक्ष्मी मंदिर में भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ आती है। उत्तर प्रदेश के पर्यटन विभाग द्वारा संरक्षित इस मंदिर का निर्माण 18वीं शताब्दी में हुआ था। यह बुंदेलखंड के प्रमुख मंदिरों में एक माना जाता है। दीपावली के अवसर पर इस मंदिर में सुबह से लोकर शाम तक भक्तों का तांता लगा रहता है।
दिवाली के दिन श्रद्धालुओं का मंदिर में लगा रहता है तांता
दीपावली के अवसर पर इस मंदिर को विशेष रूप से सजाया जाता है और पूरे विधि-विधान से माता महालक्ष्मी की पूजा की जाती है। धनतेरस के दिन भी लोग यहां दर्शन करने के लिए आते हैं। बताया जाता है कि 18वीं सदी में बने इस मंदिर से महारानी लक्ष्मीबाई का विशेष नाता रहा है। रानी लक्ष्मीबाई विवाह के बाद झांसी आईं तो वह रोजाना इस मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए जाती थीं। लक्ष्मीबाई द्वारा इस मंदिर में पूजा-अर्चना करने के कारण लंबे समय तक इस मंदिर को रानी लक्ष्मीबाई का मंदिर भी कहा जाता रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, रानी लक्ष्मीबाई दीपावली के दिन यहां पर विशेष पूजा-अर्चना करने के लिए मंदिर आती थीं।
पूरे देश में हैं केवल 3 महालक्ष्मी के मंदिर
संरक्षित स्मारक की श्रेणी में आने के बाद इसके आस पास मूलभूत सुविधाओं को विकसित किया जा रहा है। महालक्ष्मी मंदिर के पुजारी दीपक महाराज ने जानकारी देते हुए बताया कि यह मंदिर बहुत विशेष है। उन्होंने बताया कि देश में केवल तीन महालक्ष्मी के मंदिर है। जिनमें से दो मंदिर महाराष्ट्र में है और एक झांसी में है। मान्यताओं के अनुसार इस सिद्ध मंदिर में पूजा करने से लोगों की मान्यताएं पूरी होती हैं। बता दें कि इस वर्ष 24 अक्टूबर को दीपावली का त्यौहार मनाया जा रहा है।
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