सार
यूपी के जालौन जिले के एक गांव की युवती को भैंसों से इतना प्यार था कि उनके गायब से वह शांत रहने लगी। उसके बाद कुछ दिनों बाद फांसी लगाकर मरने की कोशिश भी की। लेकिन आनन-फानन में परिजनों ने अस्पताल में भर्ती कराया लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
जालौन: कई लोगों को जानवरों से बेहद प्यार होता है, जो लोग अपने घर में जानवर पालते है तो उनकी देखभाल भी एक छोटे बच्चे की तरह करते है। समय के साथ उनका प्यार बढ़ता चला जाता है। लेकिन अगर किसी कारणवश जानवर को कुछ हो जाए तो काफी तकलीफ होती है। इतना ही नहीं कुछ लोग तो खुद की जिंदगी भी समाप्त कर लेते हैं। ऐसा ही मामला यूपी के जालौन जिले से सामने आया है, जहां एक युवती अपनी भैंसों के गुम होने पर जान देने की कोशिश करती है। आनन-फानन में परिजनों ने अस्पताल में भर्ती कराया लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
भैंसों के साथ बिताती अपना ज्यादा से ज्यादा समय
जानकारी के अनुसार शहर के आटा थाना क्षेत्र के गांव कुरोना में केवट के घर में तीन भैंसे पली हुई थी, जिनकी देखभाल उनकी बेटी रजनी करती थी। उन्हें चारा देने से लेकर उनके पानी तक का इंतजाम भी रजनी ही करती थी। रजनी का उनके साथ अच्छा लगाव था और वह अपना ज्यादा से ज्यादा समय उन्हीं के साथ बिताती थी। लेकिन बीती 8 जुलाई को भैंसें चरने के लिए छोड़ी थीं, लेकिन वे लौटकर वापस नहीं आईं। इसी से आहत होकर रजनी शांत रहने लगी। फिर उसने कुछ दिनों बाद फांसी लगा ली। युवती को बस हर पल भैसों के साथ रहना पसंद था।
युवती की मौत के बाद भैंस आ गई वापस
भैंसों के गुम हो जाने पर रजनी ने 20 जुलाई को घर में फांसी लगा ली। उपचार के लिए परिजनों ने उसे झांसी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। युवती की मौत के बाद से उसके घर में कोहराम मचा हुआ है। तो वहीं दूसरी ओर उसकी मौत के बाद भैंसें घर वापस आ गई। अपनी बिटिया की मौत पर रजनी के पिता कहते है कि भैंसे आ गई लेकिन हमने अपनी बिटिया को खो दिया। रजनी की मौत से पूरे घर में मातम पसरा हुआ है। युवती द्वारा उठाए इस कदम से परिजन समते ग्रामीणों में भी सन्नाटा है।