सार
यूपी के कानपुर जिले में रहने वाले 11 साल के यशवर्धन की प्रतिभा को देखते हुए कक्षा सात से नौ में प्रवेश मिल गया है। इतनी कम उम्र में वह आईएएस पीसीएस की ऑनलाइन के साथ-साथ कोचिंग में भी कक्षाएं देता है।
कानपुर: जो होनहार होता हैं, उनकी प्रतिभा बचपन से ही दिखने लगती है या फिर यूं कहें कि प्रतिभा उम्र की मोहताज नहीं होती है। यह लाइन उत्तर प्रदेश के जिले कानपुर के 11 साल के यशवर्धन सिंह पर बिल्कुल सटीक बैठती है। शहर के लाल बंगला के हरजिंदर नगर में रहने वाले यशवर्धन कक्षा सात के छात्र थे पर उनकी प्रतिभा को देखते हुए उन्हें सीधे कक्षा नौ में प्रवेश दिया जा रहा है। दरअसल यह फैसला उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद ने उसके बौद्धिक स्तर को देखते हुए लिया है। इसके तहत शिक्षा परिषद ने कानपुर के शिक्षा अधिकारियों को लेटर भी जारी कर दिया गया है।
आईएएस-पीसीएस की देता है ऑनलाइन क्लास
प्रतिभा से भरपूर यशवर्धन ने कक्षा नौ में सीधे प्रवेश के लिए उत्तर प्रदेश सरकार से आवेदन किया था। जिसके बाद उनके कई टेस्ट भी हुए थे। इतना ही नहीं इस दौरान उनके मनोवैज्ञानिक केंद्र में भी उनका आईक्यू का टेस्ट हुआ था। जिसमें से उसका आईक्यू 129 निकला था। यह फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि यशवर्धन का बौद्धिक स्तर उच्च होने के साथ-साथ मानसिक योग्यता, सामान्य ज्ञान व स्मृति क्षमता को अधिक स्तर पर है। इन सबके अलावा इतनी कम उम्र में वह सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे छात्रों को भी पढ़ाता हैं, जिसमें करीब चार हजार छात्र जुड़ें है। इसको सुनकर हैरानी जरूर होगी पर यह सच है।
मां को पढ़ता देख पढ़ाई की तरफ बढ़ गई रूचि
यशवर्धन का कहना है कि उनकी मां यूपीएससी की तैयारी कर रही थीं तो उनको देखकर पढ़ाई के बारे में पूछा और उनकी किताबों को पढ़ना शुरू कर दिया। इसके बाद उनको मजा आने लगा। धीरे-धीरे यशवर्धन की सिविल सर्विसेज से जुड़े विषयों में अच्छी पकड़ बनती चली गई और फिर पढ़ने के साथ-साथ पढ़ाने के सफर की शुरूआत कर दी। यशवर्धन आज ऑनलाइन चैनल के साथ-साथ कोचिंग के जरिए आईएएस और पीसीएस की तैयारी करने वाले छात्रों को पढ़ाते हैं। 11 साल के यशवर्धन के पिता अंशुमान सिंह फिजियोथैरेपिस्ट और उनकी माता बेसिक शिक्षा विभाग में अध्यापिका के पद पर तैनात हैं।
यशवर्धन की इन विषयों पर अच्छी है पकड़
सिविल सर्विसेज के पेपर में आने वाले भारतीय प्राचीन इतिहास, अंतरराष्ट्रीय संबंध, राज व्यवस्था, भूगोल पढ़ाते हैं। इन सभी विषयों पर उनकी अच्छी पकड़ है। इतना ही नहीं वह खुद देश के सबसे यंगेस्ट आईएफएस ऑफिसर बनना चाहते हैं। इसके अलावा वह देश को यूनाइटेड नेशन में रिप्रेजेंट करना चाहते हैं। साल 2019 से पढ़ाना शुरू कर दिया था। घरवालों और टीचर्स के सपोर्ट की वजह से इस मुकाम तक पहुंच पाए। साथ ही उन्हें शिक्षा के क्षेत्र से देश के साथ-साथ कई विदेश पुरस्कार भी मिल चुके है। यशवर्धन भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को अपना आदर्श मानते हैं।
नौकरी के नाम पर आंख फोड़कर मंगवाई भीख, कानपुर में 6 माह बाद छूटे युवक ने बताई खौफनाक दास्तां