सार

यूपी के जिले कानपुर में रीजेंसी अस्पताल में निलंबित दारोगा अनूप सिंह की इलाज के दौरान मौत हो गई। दस नवंबर की शाम उन्होंने जहरीला पदार्थ खा लिया था, जिससे हालत बिगड़ गई थी। ब्लैकमेलिंग और निलंबन से परेशान होकर जिंदगी समाप्त कर ली। 

कानपुर: उत्तर प्रदेश के जिले कानपुर आउटर में तैनात दरोगा अनूप सिंह की रविवार देर रात इलाज के दौरान मौत हो गई। दरोगा ने मानसिक तनाव की वजह से दस नवंबर को सल्फास खरीदकर खाया था। उसके बाद उनका निजी अस्पताल के आईसीयू में इलाज चल रहा था। मृतक दरोगा के घरवालों ने फजलगंज थाने में तैनात महिला सिपाही पर ब्लैकमेलिंग का आरोप लगाया है। इतना ही नहीं उनका कहना यह भी है कि इसी वजह से उन्होंने जिंदगी को खत्म करने का कदम उठा लिया। अंतिम संस्कार के बाद मामले में एफाआईआर दर्ज कराएंगे।

फजलगंज थाने में तैनाती के दौरान महिला सिपाही से हुई थी नजदीकी
दरअसल मूल रूप से उरई थाना एट धगवा खुर्द गांव के रहने वाले साल 2015 बैच के दरोगा अनूप सिंह कानपुर आउटर के बिधनू थाने में तैनात थे। उनको किसी मामले में एक महीने पहले ही सस्पेंड कर दिया गया था। बीते दस नवंबर को उन्होंने जहर खाया था और तभी से उनका इलाज सर्वोदय नगर के रीजेंसी हॉस्पिटल में इलाल चल रहा था। रविवार की देर रात उनकी इलाज के दौरान मौत हो गई। पत्नी, पिता, ताऊ एसपी अहिरवार और परिवार के बाकी सदस्यों का आरोप है कि फजलगंज थाने में तैनाती के दौरान एक महिला सिपाही से नजदीकी हो गई थी। उसके बाद वह दरोगा को ब्लैकमेल कर रही थी।

महिला सिपाही को मिली दस दिन की छुट्टी
वहीं दूसरी ओर पूरे मामले में फजलगंज थाना प्रभारी देवेंद्र दुबे की भूमिका संदिग्ध मिली है। ऐसा बताया जा रहा है कि जहर खाने से पहले मृतक दरोगा फजलगंज थाने आया था। उसके बाद दरोगा अनूप सिंह की नजदीकी महिला सिपाही और उसके साथ रूम में रहने वाली तीन कांस्टेबल को दस दिन की छुट्‌टी दे दी गई। हैरान करने वाली बात तो यह है कि तीनों का प्रार्थना पत्र एक ही हैंड राइटिंग में लिखा हुआ है। इसके अलावा यह बात भी सामने आ रही है कि दरोगा की मौत का मामला कांस्टेबल से जुड़ा होने के बाद भी अपने एसीपी, डीसीपी या अन्य पुलिस अधिकारियों को नहीं बताया। साथ ही एसीपी को गुमराह करके तीनों कांस्टेबल को छुट्‌टी भी दिला दी है।

साक्ष्य के साथ दरोगा की पत्नी देंगी प्रार्थना पत्र
मृतक दरोगा अनूप सिंह की पत्नी का कहना है कि साक्ष्य के साथ महिला सिपाही के खिलाफ प्रार्थना पत्र देंगी। उनके पति को महिला कांस्टेबल ब्लैकमेल कर रही थी। उसी की मांग को पूरा करने के लिए उन्होंने वसूली की थी और मामले में फंस गए थे। दरोगा के द्वारा ऐसा किए जाने के बाद उनको सस्पेंड कर दिया गया था। महिला सिपाही की तरफ से लगातार ब्लैकमेलिंग और फिर सस्पेंड होने के बाद से वह मानसिक तनाव में थे। मृतक दरोगा की पत्नी ने यह भी बताया कि वह जहर खाने से पहले भी कांस्टेबल से मिलने उसके रूम पर गए थे। पूरा आत्महत्या का खेल महिला कांस्टेबल और उसके नए पुलिस प्रेमी से जुड़ा हुआ है। इस मामले में उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए।

अंतिम संस्कार के बाद परिवार दर्ज करेगा FIR
इस पूरे प्रकरण को लेकर एसपी आउटर तेज स्वरूप सिंह का कहना है कि दरोगा के घरवालों ने पूरे मामले की जानकारी दी है। सीओ लाइन सृष्टि सिंह मामले की जांच कर रही हैं। इसके साथ ही फजलगंज थाने के सीसीटीवी फुटेज और पुलिस कर्मियों के बयान दर्ज किए गए हैं। उन्होंने आगे कहा कि दरोगा अनूप का निधन बहुत दुखद है। 10 नवंबर को जहर खाने के बाद रविवार की देर रात उपचार के दौरान उनका निधन हुआ है। आत्महत्या की गुत्थी को सुलझाने के लिए एक-एक आरोप की जांच की जा रही है। आगे कहते है कि परिजनों के तहरीर मिलते ही मामले में एफआईआर भी दर्ज की जाएगी। फिलहाल उन्होंने अंतिम संस्कार के बाद एफआईआर दर्ज कराने की बात कही है। 

कानपुर: दरोगा की महिला सिपाही से थी दोस्ती, थाने से निकलने के बाद सल्फास खरीद कर खाने को लेकर हुआ बड़ा खुलासा