सार
अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी और केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल को भारी मतों से हरा दिया है। शुरू में बघेल इस चुनावी मैदान में तीसरे स्थान पर चल रहे थे और दूसरे स्थान पर बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी कुलदीप नारायण थे। अखिलेश पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ रहे थे। इससे पहले को लोकसभा के लिए चुने जाते थे। इस सीट में तीसरे चरण में 20 फरवरी को वोटिंग हुई थी।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Elections 2022) में जिन सीटों पर प्रदेश और देश नजर लगी हुई है उन सीटों में एक सीट है। मुलायम सिंह यादव के गढ़ मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट। करहल सीट से सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhliesh Yadav) चुनाव मैदान में थे। अखिलेश पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ रहे थे। इससे पहले को लोकसभा के लिए चुने जाते थे। इस सीट में तीसरे चरण में 20 फरवरी को वोटिंग हुई थी।
बता दें कि अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी और केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल को भारी मतों से हरा दिया है। शुरू में बघेल इस चुनावी मैदान में तीसरे स्थान पर चल रहे थे और दूसरे स्थान पर बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी कुलदीप नारायण थे।
आखिलेश यादव की संपत्ति
अखिलेश यादव ने मैनपुरी की करहल सीट से नॉमिनेशन के समय संपत्ति का जो ब्यौरा चुनाव आयोग को सौंपा है, उसके मुताबिक अखिलेश, उनकी पत्नी डिंपल और बच्चों के नाम 40 करोड़ रुपए से अधिक चल-अचल संपत्ति है। खास बात यह है कि पिछले 5 साल यानी योगी के मुख्यमंत्री रहते अखिलेश यादव की आमदनी में मामूली इजाफा हुआ है।
कब हुई वोटिंग
करहल विधानसभा सीट में तीसरे चरण में वोटिंग हुई। यहां 20 फ़रवरी को मतदान संपन्न हुआ था। इस सीट पर इस बार करीब 65 फीसदी वोटिंग हुई। करहल में 1.35 लाख यादव वोटर हैं। 18000 बघेल, 35000 शाक्य, 12000 लोधी, 18000 मुस्लिम, 18000 ब्राह्मण, 25000 दलित वोटर हैं। साल 2017 के चुनाव में इस सीट पर सपा के सोबरन सिंह यादव ने बीजेपी की रमा शाक्य को हराकर जीत दर्ज की थी।
मुलायम से यहीं से शुरू की थी राजनीति
मुलायम सिंह यादव ने अपनी राजनीति करहल से ही शुरू की थी। यहीं के जैन इंटर कॉलेज में मुलायम सिंह यादव शिक्षक थे, इसी करहल के नेता नत्थू सिंह यादव ने मुलायम सिंह यादव के अंदर पहलवान के साथ-साथ राजनीतिक पहलवानी के गुण भी देखें और उनको सबसे पहले करहल से ही चुनाव लड़वाया था।
अखिलेश के खिलाफ कौन-कौन मैदान में
समाजवादी पार्टी- अखिलेश यादव
भाजपा- एसपी सिंह बघेल
बसपा- कुलदीप नरायन
बघेल के राजनीतिक गुरू हैं मुलायम
बीजेपी की ओर से पूर्व केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल ताल ठोक रहे हैं। एसपी सिंह बघेल कभी मुलायम सिंह यादव के पीएसओ हुआ करते थे। जिनको मुलायम सिंह यादव ने ही राजनीति के गुर सिखाए थे और पहली बार चुनाव लड़वाया और जितवाया भी था। इस बार यहां मुकाबला बहुत रोचक है क्योंकि एक तरह मुलायम का बेटा मैदान में है तो दूसरी तरफ उनका शिष्य।