सार
यूपी के कौशांबी में 15 दिसंबर को 13 साल की दुष्कर्म पीड़िता ने बेटे को जन्म दिया। बच्चे के जन्म के बाद बच्ची और उसके परिवार ने नवजात को अपनाने से इंकार कर दिया। फिलहाल अस्पताल का स्टाफ बच्चे की देखभाल कर रहा है।
कौशांबी: उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में एक 13 साल की रेप पीड़िता ने बेटे को जन्म दिया है। मासूम के पैदा होने के बाद परिवार ने बच्चे को अपनाने से इंकार कर दिया। रेप पीड़िता जन्म के 13 दिन बाद बच्चे को अस्पताल में छोड़ कर चली गई है। बच्चे की देखभाल अस्पताल का स्टाफ कर रहा है। अस्पताल के स्टाफ का कहना है कि रेप पीड़िता बच्ची के साथ जो हुआ उसमें इस बच्चे की कोई गलती नहीं है। स्टाफ ने कहा कि जब तक बच्चे को कोई गोद नहीं लेता तब तक अस्पताल का स्टाफ उसकी देखभाल करेगा। बता दें कि यह घटना कौशांबी के चरवा थाना क्षेत्र की है।
जेल में सजा काट रहा आरोपी
13 साल की बच्ची के साथ मई 2022 में दुष्कर्म होता है। जिसके बाद पीड़िता के परिवार को जुलाई 2022 में बच्ची के प्रेग्नेंट होने की जानकारी होती है। इस दौरान पीड़िता 3 माह की गर्भवती होती है। आरोपी ने बच्ची के घर में घुसकर दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था। आरोपी ने पीड़िता को धमकाते हुए कहा था कि अगर उसने किसी से कुछ कहा तो वह उसके पिता को मार देगा। फिलहाल पीड़िता का आरोपी जेल में है। वहीं बच्चे के जन्म के बाद नर्सिंग स्टाफ उसकी देखभाल कर रहा है। नर्स शीला ने बताया कि पीड़िता जिस दिन से यहां रहने आई थी, तब से वह काफी परेशान रहती थी। जब उसका अल्ट्रासाउंड किया जाता तो वह चिल्लाने लगती और कहती कि स्टाफ की वजह से उसकी ऐसी हालत है।
मां ने नहीं लिया बच्चे को गोद
पीड़िता का कहना था कि अगर उसका गर्भपात हो जाता तो उसे यह दिन नहीं देखना पड़ता। शीला बताती है कि बच्ची का ये गुस्सा जायज था। उन्होंने बताया कि बेटे के जन्म के बाद उसने एक बार भी बच्चे को नहीं देखा। बच्ची के परिवार ने भी नवजात को एक बार भी गोद में नहीं लिया। नर्स ने बताया कि शिफ्ट के हिसाब से बच्चे की देखभाल की जाती है। बच्चे को न मां का प्यार मिला और न पिता का। जो अपराध मासूम ने किया ही नहीं वह उसकी सजा झेल रहा है। उन्होंने कहा कि कोशिश यही है कि वह किसी अच्छे इंसान के घर चला जाए। अस्पताल के स्टाफ के अनुसार, कोई मां अपने बच्चे से इतनी नफरत कैसे कर सकती है। उस बच्ची ने इन 13 दिनों में एक भी बार इस नवजात को नहीं देखा।
अदालत को भेजी गई मामले की रिपोर्ट
बच्ची के परिवार का कहना है कि उनकी बेटी सुरक्षित है उनके लिए यही काफी है। उन्हें इस बच्चे से कोई मतलब नहीं है। इस बच्चे को रखने से उनकी बेइज्जती होगी। सीएमएस डॉ दीपक सेठ ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि रेप पीड़ित किशोरी ने बेटे को जन्म दिया है। दुष्कर्म पीड़िता का मामला जिला अदालत मे विचाराधीन है। कार्यवाही के लिए अदालत को रिपोर्ट भेजी गई है। वहीं डीएम से बच्चे की परवरिश के लिए अग्रिम आदेश के लिए अनुरोध किया गया है। बताया जा रहा है कि डीएम के आदेश के बाद बच्चे को चाइल्ड लाइन भेजा जाएगा। फिलहाल बच्चे को मौजूदा समय में एसएनसीयू में रखा गया है।