सार

सचिन कौशिक अपनी निस्वार्थ सेवा से यूपी पुलिस की छवि को सुधारने की कोशिश कर रहे हैं। कई बार वह लोगों की मदद करने के लिए सम्मानित भी किए जा चुके हैं। सचिन को इस साल 26 जनवरी को डीजीपी गोल्ड डिस्क से सम्मानित किया गया है।

आगरा: पुलिस की छवि को अक्सर धूमिल होते देखा गया है। वहीं कुछ पुलिसकर्मी अपनी मेहनत और लगन से लोगों की सेवा करते हैं और हर समय मदद के लिए तैयार रहते हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस के कॉन्स्टेबल और मौजूदा समय में आगरा जीआरपी में तैनात सचिन कुमार कौशिक भी अपनी मेहनत और लगन के दम पर जनता के बीच पुलिस की एक अलग ही छवि को पेश करते हैं। आमतौर पर पुलिस के मामले में लोगों की सोच नकारात्मक होती है। लेकिन जो सचिन कौशिक को जानते हैं उनके मन में पुलिस को लेकर यह विचार कुछ ही पलों में बदल जाते हैं। कई बार मुश्किल परिस्थितियों से घिरे होने के बाद भी सचिन लोगों की मदद करना नहीं भूलते हैं।

पुलिस डिपार्टमेंट के असली हीरो सचिन कौशिक
अलीगढ़ निवासी सचिन कुमार कौशिक 2011 बैच के सिपाही हैं। वर्तमान समय में वह एसपी जीआरपी आगरा का सोशल मीडिया संभालते हैं। उनके खुद के ट्विटर पर 54 हजार से अधिक फॉलोअर्स हैं। यह फॉलोअर्स सचिन ने अपने निस्वार्थ भाव से सेवा कर कमाए हैं। ट्विटर के अलावा सचिन का फेसबुक पर भी अकाउंट है। वह 'पुलिस छवि सुधार:-एक मुहिम' नाम से फेसबुक पर एक पेज चलाते हैं। फेसबुक के इस पेज पर भी सचिन के लाखों में फॉलोअर्स हैं। सचिन निस्वार्थ भाव से पुलिस का वह चेहरा लोगों के सामने लाने की कोशिश करते हैं जिसे कुछ पुलिसकर्मियों ने धूमिल कर रखा है। सचिन अलीगढ़ के इलगास स्थित गोरई गांव के निवासी हैं। 

वर्तमान में आगरा जीआरपी में हैं तैनात
सचिन वर्ष 2011 में कॉन्सटेबल बने थे और ट्रेनिंग खत्म होने के बाद उन्हें आगरा के आगरा के पर्यटन थाने में पोस्टिंग मिली थी। सचिन ने बताया कि वर्ष 2015 में पुर्तगाल से घूमने आई एक महिला पर्यटक अपने साथियों से बिछड़ गई थी। महिला को हिंदी और अंग्रेजी नहीं आती थी। तब सचिन ने गूगल ट्रांसलेटर के द्वारा महिला से बात कर उसे उसके साथियों के पास पहुंचाया। जिसके लिए बाद में उन्हें सम्मानित भी किया गया था। वर्ष 2017 से वह आगरा जीआरपी की मीडिया सेल में तैनात हैं। सोशल मीडिया और अपने कामों के जरिए पुलिस का अच्छा चेहरा दुनिया के सामने लाने की कोशिश कर रहे हैं। इसके अलावा वह सोशल मीडिया के द्वारा भी लोगों की समस्याओं का समाधान करते हैं।

26 जनवरी को डीजीपी गोल्ड डिस्क से किए गए सम्मानित
कोरोना काल में भी सचिन ने लोगों की काफी मदद की थी। वह जरूरतमंद लोगों को राशन, दवा आदि मुहैया करवाते थे। इसके अलावा कई बार लोगों की मदद करने के लिए उनकी सराहना भी की जा चुकी है। सचिन कुमार कौशिक को इसी साल 26 जनवरी को डीजीपी गोल्ड डिस्क से भी सम्मानित किया गया है। जीआरपी के ऑपरेशन मुस्कान के तहत 278 बच्चों को उनके घरवालों से मिलाने पर सचिन कौशिक को  यह सम्मान मिला है। इसके अलावा 2020 में महिला यात्री के ट्वीट पर तत्काल कार्यवाही करने पर भी उन्हें डीजीपी सिल्वर डिस्क मिली थी।

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