सार
लखीमपुर खीरी हिंसा में चार किसानों को एसयूवी से कुचल दिए जाने के आरोप में गिरफ्तार किए गए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा की जमानत अर्जा को पॉंच जनवरी तक के लिए टाल दिया गया है। अगली सुनवाई छह जनवरी को होगी। साथ ही इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में सुनवाई के बाद कोर्ट ने सरकार को छह जनवरी तक प्रति शपथ पत्र दाखिल करने का आदेश दिया है।
लखनऊ: लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur Kheri Violence) में चार किसानों को एसयूवी (SUV) से कुचल दिए जाने के आरोप में नौ अक्टूबर को गिरफ्तार किए गए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा को छह जनवरी तक राहत नहीं मिलेगी। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में सुनवाई के बाद कोर्ट ने सरकार को छह जनवरी तक प्रति शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है। आशीष की जमानत इसके पूर्व सत्र अदालत से खारिज हो चुकी है। इस मामले में पुलिस ने आशीष सहित कुल 13 लोगों को अब तक गिरफ्तार किया है।
चार किसान सहित आठ लोगों की मौत का है मामला
लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर को उपद्रव के बाद हिंसा में चार किसान सहित आठ लोगों की मौत के मामले में मुख्य आरोपित आशीष मिश्रा को फिलहाल छह जनवरी तक राहत नहीं मिलेगी। केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ( Ajay Mishra Teni) टेनी के पुत्र आशीष मिश्रा (Ashish mishra) की जमानत पर शुक्रवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट (allahabad highcourt) की लखनऊ खंडपीठ (Lucknow Bench) में सुनवाई के बाद कोर्ट ने सरकार को छह जनवरी तक प्रति शपथ पत्र (counter affidavit) दाखिल करने का निर्देश दिया है। 29 नवंबर को न्यायमूर्ति करुणेश सिंह पवार (Karunesh Singh Pawar) की एकल पीठ ने आशीष मिश्रा मोनू की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को दस दिनों में काउंटर ऐफीडेविट दाखिल करने का निर्देश दिया था। आशीष की जमानत इसके पूर्व सत्र अदालत से खारिज हो चुकी है। जिसके बाद उसने हाईकोर्ट में जमानत याचिका लगाई थी।
हत्या सहित कई गंभीर धाराओं में दर्ज है केस
इस मामले में पुलिस ने आशीष सहित कुल 13 लोगों को अब तक गिरफ्तार (Arrest) किया है। उनके खिलाफ हत्या सहित कई गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया है। अशीष मिश्रा मोनू अपने साथियों के साथ जिला जेल लखीमपुर में बंद है। उसने लखीमपुर खीरी में हिंसा के बाद कोर्ट में सरेंडर किया था। जिसके बाद से पुलिस ने रिमांड पर लिया। इस केस में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गठित एसआइटी के साथ ही राज्य सरकार की एसआइटी भी जांच कर रही है।