सार

बीजेपी ने संकल्प पत्र में किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली देने का वादा किया है। इससे करीब 8200 करोड़ रुपये सालाना राजस्व बनता है। सरकार इसमें पहले से 6000 करोड़ रुपये सब्सिडी देती है यानी उसे अपने वादे को पूरा करने के लिए 2200 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार उठाना पड़ेगा।
 

लखनऊ: उत्तरप्रदेश में 10 मार्च को विधानसभा चुनाव के परिणाम आ जायेंगे। अब परिणाम जो भी हो जनता को खासा फायदा होने वाला है। क्योंकि सभी मुख्य दलों ने बिजली उपभोक्ताओं को बिजली बिल माफ, मुफ्त बिजली, सस्ती बिजली जैसे ढेरों वादे जो किए हैं। आपको जानकर हैरानी होगी इन वादों को पूरा करने के लिए सरकार को पावर कारपोरेशन को 2000 से लेकर 30000 करोड़ रुपये तक अतिरिक्त सब्सिडी देनी होगीी।

सरकार पर सिंचाई की बिजली मुफ्त करने पर आएगा 2000 करोड़ से ज्यादा का भार 
बीजेपी ने संकल्प पत्र में किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली देने का वादा किया है। इससे करीब 8200 करोड़ रुपये सालाना राजस्व बनता है। सरकार इसमें पहले से 6000 करोड़ रुपये सब्सिडी देती है यानी उसे अपने वादे को पूरा करने के लिए 2200 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार उठाना पड़ेगा।

किसानों को मुफ्त और घरेलू बिजली 300 यूनिट तक फ्री करने पर 23000 करोड़ का भार
समाजवादी पार्टी ने किसानों को मुफ्त बिजली देने के साथ ही घरेलू उपभोक्ताओं को 300 यूनिट तक बिजली मुफ्त देने का संकल्प किया है। एसपी को अपने वादे को पूरा करने के लिए अतिरिक्त 23182 करोड़ रुपये का खर्च करना पड़ेगा। घरेलू उपभोक्ताओं को 300 यूनिट तक बिजली मुफ्त देने और किसानों को सिंचाई की बिजली मुफ्त देने पर कुल खर्च 34182 करोड़ रुपये साल भर का माना जा रहा है।

बिजली दर सस्ती करे या मुफ्त करे इसकी भरपाई के लिए सरकार को विद्युत अधिनियम की धारा-65 के तहत एडवांस सब्सिडी बिजली कंपनियों को देनी होगी। चुनाव का लाभ उपभोक्ता को यह होगा कि बिजली कंपनियां बिजली दरें बढ़ाने के लिए नियामक आयोग में पैरवी नहीं कर पाएंगी। अब वह बिजली दर सस्ती करने का प्रस्ताव लेकर जाएंगी। जिस दल की भी सरकार बनेगी उससे उनकी घोषणाओं को लागू कराने का पूरा दबाव बनाया जाएगा।
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