सार

यूपी के जालौन में साल 2004 में कोतवाली में हुए सपा नेता सहित 3 लोगों के हत्याकांड में सीओ सहित 7 पुलिसकर्मियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। अपर सत्र न्यायलय के एडीजे प्रथम ने दोषियों को सजा सुनाते हुए 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। बता दें, मामले में 9 लोगों को आरोपी बनाया गया था, जिनमें 2 की मौत हो चुकी है।

जालौन (Uttar Pradesh). यूपी के जालौन में साल 2004 में कोतवाली में हुए सपा नेता सहित 3 लोगों के हत्याकांड में सीओ सहित 7 पुलिसकर्मियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। अपर सत्र न्यायलय के एडीजे प्रथम ने दोषियों को सजा सुनाते हुए 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। बता दें, मामले में 9 लोगों को आरोपी बनाया गया था, जिनमें 2 की मौत हो चुकी है। वहीं, आज सजा पाने वालों में शामिल भगवान सिंह 2 साल पहले ही डिप्टी एसपी पद पर प्रमोशन हुआ है। वर्तमान में वो कानपुर के कर्नलगंज के सीओ पद पर तैनात हैं।

क्या था पूरा मामला
एक फरवरी, 2004 को कोंच कोतवाली पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में लिया था। जिन्हें छुड़वाने के लिए सपा नेता सुरेंद्र निरंजन, उनके भाई रोडवेज कर्मचारी महेंद्र निरंजन और दयाशंकर झा कोतवाली पहुंचे थे। तीनों की तत्कालीन कोतवाल देवदत्त सिंह राठौर से तीखी बहस हुई। मामला इतना बढ़ा कि कोतवाल ने आपा खो अपनी सर्विस रिवॉल्वर से तीनों की गोली मारकर हत्या कर दी। आरोप है कि गोली चलाने वालों में कोतवाली में तैनात पुलिसकर्मी भी शामिल थे।

जेल में ही मुख्य आरोपी की हो गई थी मौत
घटना के बाद जालौन में पुलिस के खिलाफ कई जगह उग्र प्रदर्शन हुए। कई जगह आगजनी की गई, जिसमें सरकार का काफी नुकसान हुआ। दबाव में तत्कालीन कोतवाल देवदत्त सिंह राठौर, उनके बेटे अनिल राठौर, एसआई भगवान सिंह, लालमणि गौतम, सिपाही अखिलेश कुमार, भगवान दास और रामनरेश त्यागी समेत 9 लोगों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया गया। केस ट्रायल के दौरान मुख्य आरोपी देवदत्त की जेल में ही मौत हो गई। सिपाही भगवान दास ने भी दम तोड़ दिया।