सार

उत्तर प्रदेश में जिस तरह से रियल एस्टेट सेक्टर के कई बड़े-बड़े बिल्डर अचानक दिवालिया हो रहे हैं। उसपर सीएम योगी आदित्यनाथ ने तमाम सवाल अधिकारियों से पूछे है। उसके बाद उन्होंने आला अफसरों को निर्देश दिए कि जल्द से जल्द इसपर खुलासा किया जाए क्योंकि अचानक से एक साथ बिल्डरों की दिवालिया की चर्चा पर सरकार को भी इसमें सब कुछ ठीक नहीं लग रहा है।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में योगी सरकार दोबारा सत्ता में वापसी के बाद से पहले से ज्यादा एक्टिव मोड में है। राज्य में सरकार के गठन के 24 घंटे के भीतर ही उन्होंने काम करना शुरू कर दिया था। सीएम योगी आदित्यनाथ ने हर विभाग के अधिकारियों और मंत्रियों को दिशा-निर्देश दे दिए है। इसके साथ ही रियल एस्टेट विनियमन और विकास अधिनियम के रहते बिल्डरों की मनमानी पर अंकुश न लगने से फैल्ट खरीददारों को हो रही दिक्कतों को भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गंभीरता से लिया है। इसके लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने अफसरों को निर्देश दिया है कि वे पता लगाएं कि कैसे बड़े-बड़े बिल्डर दिवालिया हो रहे हैं। इससे बहुतों की जीवनभर की कमाई डूबने के साथ ही लोगों के घर का सपना पूरा नहीं हो पा रहा है।

अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त की अध्यक्षता में होगी बैठक
बड़े-बड़े दिवालिया का अचानक से दिवालिया होने के पीछे कारण का पता करने के लिए अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति गठित करने की तैयारी है। उसके बाद यह समिति पता लगाएगी कि कहीं जानबूझकर तो नहीं बिल्डर खुद को दिवालिया घोषित कर रहे हैं। इन बिल्डरों की मनमानी पर किस प्रकार अंकुश लगाकर रियल एस्टेट सेक्टर को मजबूत किया जा सकता है और घर खरीददारों के हितों की रक्षा को सकती है। 

सीएम योगी आदित्यनाथ ने वरिष्ठ अधिकारियों से पूछा सवाल
रियल स्टेट के बिल्डरों का अचानक से दिवालिया होने से कई प्रकार के सवाल खड़े हो रहे हैं। घर खरीददारों की दिक्कतों को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को भी इसमें सब कुछ ठीक नहीं लग रहा है। जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बिल्डरों के दिवालिया होने संबंधी खबरों का गंभीरता से संज्ञान लेते हुए शुक्रवार को वरिष्ठ अधिकारियों से कहा कि इससे फ्लैट खरीददारों के हित को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हैं। सीएम योगी ने यह जानना चाहा कि जब फ्लैट खरीदने वालों के हितों का ध्यान रखने के लिए पांच वर्ष से रियल एस्टेट विनियमन और विकास अधिनियम की व्यवस्था है तब फिर बड़े बिल्डर कैसे दिवालिया हो रहे हैं?

उसके बाद सीएम योगी ने आला अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह यह पता लगाएं कि बड़े बिल्डर क्यों दिवालिया हो रहे हैं? इसपर तमाम खरीददारों की जीवनभर की कमाई के साथ-साथ घर के सपने का सवाल है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि एक उच्च स्तरीय बैठक कर बिल्डरों के दिवालिया होने और फ्लैट खरीददारों को रही परेशानी का आकलन किया जाए। इसके साथ ही यह भी देखा जाए कि कैसे घर खरीदारों के हितों की रक्षा हो सकती है और रियल एस्टेट सेक्टर को मजबूत कर बिल्डर्स की मनमानी पर अंकुश लगाया जा सकता है।

इनके खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने के दिए निर्देश
गौरतलब है कि देश-प्रदेश के कई प्रमुख बिल्डर दिवालिया होने की कगार पर खड़े हैं। इसकी शुरुआत राज्य में आम्रपाली समूह के दिवालिया होने से हुई। कुछ सालों के दौरान नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा के एक दर्जन से अधिक बड़े -छोटे बिल्डरों को दिवालिया घोषित करने के आदेश किए हैं। उसमें से यूनिटेक, सहारा, जेपी जैसे बड़े बिल्डर शामिल हैं। पिछले एक सप्ताह में लॉजिक्स सिटी डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड और एनसीएलटी ने सुपरटेक बिल्डर के खिलाफ आदेश जारी करते हुए दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिए हैं।

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