सार
पिटबुल कुत्ते ने अपनी ही मालकिन को नोच नोचकर मार डाला। यह वारदात उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुई है। कुत्ते के नोचने के बाद घायल महिला को गंभीर हालत में अस्पताल में ले जाया गया। उसके बाद उनको ट्रामा सेंटर के लिए रेफर कर दिया पर उससे पहले ही उन्होंने दम तोड़ दिया।
लखनऊ: माना जाता है इंसानों से ज्यादा कुत्ते वफादार होते हैं लेकिन राजधानी लखनऊ में हैरान कर देने वाला खौफनाक मामला सामने आया है। जिसने इस कहावत के मतलब को ही बदल कर रख दिया है। बंगाल टोला इलाके में रहने वाली 80 साल की महिला को उनके पालतू कुत्ते ने नोच-नोचकर मार डाला। बताया जा रहा है कि महिला के पास पिटबुल नस्ल का कुत्ता था जो सबसे खुंखार कुत्ता माना जाता है। घटना के बाद महिला को गंभीर हालत में बलरामपुर अस्पताल ले जाया गया, जहां से उन्हें ट्रामा सेंटर में रेफर कर दिया गया। लेकिन ट्रामा सेंटर पहुंचने तक महिला ने दम तोड़ दिया।
घर मे पिटबुल प्रजाति के दो कुत्ते
कैसरबाग थाना क्षेत्र के बंगाली टोला मोहल्ले में रहने वाली एक 80 वर्षीय बुजुर्ग महिला को उनके घर के पालतू कुत्ते ने हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। पिटबुल प्रजाति के पालतू कुत्ते के हमले में घायल महिला को इलाज के लिए बलरामपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। सुशीला त्रिपाठी के अधिवक्ता पति राम नारायण त्रिपाठी की 2015 में मृत्यु हो चुकी है। सुशीला त्रिपाठी के घर मे पिटबुल प्रजाति के दो कुत्ते पले हुए हैं।
मृतक सुशीला अपने हाथों से खिलाती थी खाना
बता दें कि पिटबुल प्रजाति के कुत्ते आकार में बड़े और आक्रामक होते हैं। बताया ये भी जा रहा है सुशीला त्रिपाठी के घर में पिटबुल कुत्ते लंबे समय से पले हुए थे, जिन्हें मृतका सुशीला त्रिपाठी अपने हाथों से खाना भी खिलाती थी। लेकिन मंगलवार की सुबह अचानक वफादार माने जाने वाले दो कुत्तों में से एक कुत्ते ने आक्रामक रूप अख्तियार किया और अपनी मालकिन सुशीला तिरपाठी पर हमला करके उन्हें बुरी तरह से लहूलुहान कर दिया।
बेटा घर मे नहीं था मौजूद
कैसरबाग थाने की चाइना बाजार पुलिस चौकी के इंचार्ज तौहीद अहमद ने बताया कि जिस समय सुशील त्रिपाठी पर उनके पालतू कुत्ते ने हमला किया। उस समय सुशीला का बेटा अमित त्रिपाठी जिम गया हुआ था, उनके अनुसार अमित त्रिपाठी जिम ट्रेनर है। सुशील त्रिपाठी की आवाज सुनकर सुनकर घर में रहने वाले किराएदार मौके पर पहुंचे और किसी तरह से आक्रोशित कुत्तों को एक कमरे में बंद किया गया और घायल सुशीला को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां उनकी इलाज के दौरान मौत हो गई।