सार
लखीमपुर के प्रभात गुप्ता हत्याकांड मामले में हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा उर्फ टेनी के खिलाफ अपील पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। लखनऊ बेंच में अजय मिश्रा के खिलाफ दाखिल राज्य सरकार और वादी के अपीलों पर अंतिम बहस के बाद फैसला सुरक्षित किया गया।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के जिले लखीमपुर के प्रभात गुप्ता हत्याकांड मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने लखनऊ बेंच ने केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के खिलाफ अपील पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। लखनऊ बेंच में अजय मिश्रा के खिलाफ दाखिल राज्य सरकार और वादी के अपीलों पर अंतिम बहस के बाद फैसला सुरक्षित किया गया है। इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा व न्यायमूर्ति रेणु अग्रवाल की खंडपीठ ने की है। वादी राजीव गुप्ता व राज्य सरकार के अधिवक्ताओं और गृह राज्य मंत्री के अधिवक्ता की बहस सुनने के पश्चात जस्टिस ने कहा कि वह दोनों अपीलों पर अपना फैसला सुरक्षित कर रही है।
साल 2000 में लखीमपुर खीरी में हुई थी युवक की हत्या
दरअसल यह मामला लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया थाना क्षेत्र के बनवीरपुर गांव का है। आठ जुलाई 2000 को 22 साल के प्रभात गुप्ता की होली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले को लेकर प्रभात के पिता संतोष गुप्ता ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा उर्फ टेनी समेत शशि भूषण, राकेश डालू और सुभाष मामा को हत्या में नामजद किया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि प्रभात गुप्ता को दिन दहाड़े बीच रास्ते में पहले गोली अजय मिश्रा ने कनपटी पर मारी और फिर दूसरी गोली सुभाष मामा ने सीने में मारी थी। इसी के बाद प्रभात की मौके पर ही मौत हो गई थी। लखीमपुर खीरी की अदालत ने अजय मिश्र व अन्य को पर्याप्त साक्ष्यों के अभाव में साल 2004 में बरी कर दिया था। इस फैसले के खिलाफ 2004 में ही राज्य सरकार ने हाई कोर्ट में अपील दाखिल कर दी थी।
केस ट्रांसफर की याचिका हो चुकी है खारिज
बता दें कि पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने प्रभात गुप्ता हत्याकांड मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की मुख्य पीठ को स्थानांतरित करने की केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा की याचिका को खारिज कर दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था प्रभात हत्याकांड की सुनवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में चल रही है। दरअसल हाईकोर्ट से यह अपील खारिज होने के बाद अजय मिश्रा ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल की थी। जिसके बाद कोर्ट ने यह फैसला सुनाया था।