सार
यूपी में योगी सरकार युवाओं को बेहतर शिक्षा देने के लिए निजी क्षेत्र को बढ़ावा देने की तैयारी में है। इसके साथ ही निवेशकों को आकर्षित करने के लिए तमाम सुविधाएं दी जाएंगी। ज्यादातर निजी संस्थाएं नोएडा व आसपास के क्षेत्रों में है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद कई महत्वपूर्ण फैसलों को लिया गया है। इसी बीच यूपी सरकार अब उच्च शिक्षा को आधुनिक व रोजगारपरक बनाने के लिए उसका विस्तार किया जाएगा और इसके लिए सरकार उच्च शिक्षा नीति लाएगी। इसमें निजी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए तमाम सुविधाएं दी जाएंगी। जिसमें पिछड़े व असेवित क्षेत्रों के साथ ही हर जिले में उच्च शिक्षण संस्थान खुलेंगे और विद्यार्थियों को रोजगार के विकल्प भी बढ़ेंगे।
अर्थव्यवस्था को दस खरब डॉलर बनाने की है कोशिश
इस बात को लेकर उच्च शिक्षा विभाग एक कॉन्क्लेव आयोजित करने की तैयारी कर रहा है। इससे संबंधित विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों व विशेषज्ञों साथ शासन स्तर पर विचार किया गया। इसको लेकर अधिकारियों का मानना है कि पहले औद्योगिक नीति में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में निवेशकों को आकर्षित करने की व्यवस्था होती थी पर अब इसको अलग से तैयार किया जा रहा है। योगी सरकार की प्राथमिकता राज्य की अर्थव्यवस्था दस खरब डॉलर की बनाने की है। इस वजह से युवाओं को बेहतर उच्च शिक्षा देने के लिए निजी क्षेत्र को बढ़ावा देने की तैयारी है।
राज्य के अलावा देश-विदेश के निवेशक होंगे आमंत्रित
उच्च शिक्षा विभाग द्वारा कॉन्क्लेव में राज्य ही नहीं देश-विदेश के निवेशकों को आमंत्रित किया जाएगा। यूपी सरकार इसमें निवेशकों से युवाओं के कौशल विकास व उच्च शिक्षा देने के साथ ही उनको रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के अपेक्षाएं बताएगी। दूसरी ओर निवेशकों से भी पूछेगी कि उनको सरकार से क्या उम्मीदें हैं। इसके साथ ही पीपीपी मॉडल पर शिक्षण संस्था खोलने के विकल्प पर भी चर्चा होगी। राज्य में विदेशी विश्वविद्यालयों को भी विस्तार के लिए आमंत्रित किया जाएगा। इसके अलावा कोशिश यह भी होगी कि बाहर के विश्वविद्यालय व उच्च शिक्षण संस्थान यहां के विवि व संस्थान से शैक्षिक आदान-प्रदान के लिए जुड़ें। एमओयू से लेकर सभी विकल्पों पर इस दौरान चर्चा होगी।
वर्तमान में है 7900 उच्च शिक्षण संस्थान, 30 निजी विवि
छात्रों को पढ़ाई के लिए एक-दूसरे के यहां भेजने के साथ ही विभिन्न विधाओं में दक्ष करने का प्रयास होगा। अगर कोई निवेशक प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक के लिए संस्थान खोलना चाहता है तो उसके लिए सारी सुविधाएं दी जाएगी। इसमें तकनीकी शिक्षा को भी जोड़ा जाएगा। इसके अलावा उच्च शिक्षा नीति में युवाओं को औद्योगिक जरूरतों के मुताबिक दक्ष करने पर जोर दिया जाएगा ताकि प्रशिक्षित युवाओं को आसानी से रोजगार मिल सके। वहीं वे अपना उद्यम भी शुरू कर सकें। इसके लिए विषय विशेष का प्रशिक्षण देने वाली संस्थाओं को संस्थान खोलने के लिए अवसर दिए जाएंगे। फिलहाल राज्य में करीब 7900 उच्च शिक्षण संस्थान हैं और 7300 निजी संस्थान हैं। इसी तरह कुल 50 विश्वविद्यालयों में से तीस निजी विवि हैं।
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