सार

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (cm yogi adityanath) की अगुवाई में अन्नपूर्णा की प्रतिमा ((maa annapurna iodl) पुनर्स्थापित किया गया। सीएम ने पहले विधि-विधान से इस मूर्ति की पूजा-अर्चना की। इसके बाद मां अन्नपूर्णा को विराजमान किया गया।

काशी (उत्तर प्रदेश). बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी (vishwanath dham)में आज भव्य कार्यक्रम हो रहा है। 108 साल के लंबे इंतजार के बाद कनाडा से आई मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा (maa annapurna iodl) पहुंच गई है। जहां यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (cm yogi adityanath) की अगुवाई में अन्नपूर्णा की प्रतिमा पुनर्स्थापित किया गया। सीएम ने पहले विधि-विधान से इस मूर्ति की पूजा-अर्चना की। इसके बाद मां अन्नपूर्णा को विराजमान किया गया।

काशी नगरी में सीएम योगी ने भी लगाए जयकारे
दरअसल, सोमवार सुबह ही काशी धाम में मां अन्नपूर्णा की दुर्लभ प्रतिमा श्रीकाशी विश्वनाथ धाम पहुंची। भगवान शंकर का बाबा विश्वनाथ में मां अन्नपूर्णा और  हर-हर महादेव के जयकारे लगने लगे। काशी नगरी में मां की भव्य पालकी निकाली गई खुद मुख्यमंत्री योगी ने  वैदिक मंत्रोच्चार के बीच  प्रतिमा यात्रा की अगवानी की। 

विश्वनाथ मंदिर में ईशान कोण में विराजमान मां अन्नपूर्णा
बता दें कि अन्न-धन की देवी मां अन्नपूर्णा के स्वागत में पूरी काशी नगरी को दुल्हन की तरह सजाया गया। हर तरफ पीताम्बर कपड़े के झंडे और फूलों की माला दिख रही है। वहीं काशी विश्वनाथ मंदिर को भी भव्य रूप से सजा है। वैदिक मंत्रोच्चार की गूंज के बीच विश्वनाथ मंदिर में ईशान कोण पर अन्नपूर्णा माता की ये मूर्ति स्थापित की गई।

18 जिलों से भ्रमण के बाद मां की प्रतिमां को काशी लाया गया
बता दें कि दिल्ली से  मां अन्नपूर्णा की मूर्ति 11 नवंबर को यूपी के लिए रवाना हुई। इस दौरान सबसे पहले मां की प्रतिमा अलीगढ़, लखनऊ, अयोध्या, जौनपुर समेत यूपी के 18 जिलों से गुजरी। इस दौरान जगह-जगह मां का भव्य स्वागत किया। पुष्प वर्षा, डमरू दल, घंटा घड़ियाल बजाकर माता की रास्ते भर आरती उतारी गई। 

1913 में काशी से चोरी हुई थी मां की प्रतिमा
 बलुआ पत्थर से बनी 18वीं शताब्दी की मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा 1913 में काशी से चोरी हुई थी। मां अन्नपूर्णा की यह प्राचीन प्रतिमा कनाडा के यूनिवर्सिटी ऑफ रेजिना स्थित मैकेंजी आर्ट गैलरी के कलेक्शन में रखी हुई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयास से कनाडा से भारत मूर्ति लाई गई। खुद मोदी ने 29 नवंबर 2020 को एक कार्यक्रम में देश के लोगों को  प्रतिमा कनाडा में मिलने की जानकारी दी थी। इसके बाद इसी माह 11 नवंबर को दिल्ली में उत्तर प्रदेश सरकार को सौंपी गई।