सार
अधिवक्ता महेंद्र सिंह के द्वारा दायर अर्जी में कहा गया कि मस्जिद में सीढ़ियों के नीचे मूर्ति दबी हुई है। इस कृत्य से हिंदुओं की भावनाएं आहत हो रही हैं।
मथुरा: श्रीकृष्ण जन्मभूमि शाही ईदगाह विवावद मामले में लगातार नए प्रार्थना पत्र दाखिल किए जा रहे हैं। शुक्रवार को अधिवक्ता महेंद्र प्रताप ने एक नया वाद दाखिल करने के लिए कोर्ट में प्रार्थनापत्र दिया। इस वाद में दावा किया गया कि मथुरा के ठाकुर केशव देव की मूर्ति जन्मभूमि से संबोधित है। यह मूर्ति आगरा के लाल किले के अंदर बने दीवाने खास के पास बनी हुई बेगम साहिबा की मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे दबी है।
कई सौ साल पुरानी बताई जा रही मूर्ति
वाद में महेंद्र प्रताप की ओर से दावा किया गया कि ठाकुर देव की मूर्ति तकरीबन 500-700 साल पुरानी है। औरंगजेब के आदेश के बदा 1670 में मूर्ति को उखाड़कर आगरा ले जाया गया था। उसके बाद फिर मूर्ति को मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे दबा दिया गया। दावा किया जा रहा है कि इससे हिंदुओं की भावनाएं आहत हुई हैं। सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने वाद संख्या 950/2020 दायर किया है।
साखी मुस्तेक की किताब का जिक्र
प्रार्थना पत्र में औरंगजेब के मुख्य दरबारी साखी मुस्तेक खान की लिखी किताब ई-आलम गिरी का हवाला दिया गया है। अधिवक्ता ने लाल किले से सर्वे करवाकर मूर्ति निकलवाने की प्रार्थना की। इसी के साथ मामले में आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के जनरल डॉयरेक्टर, अधीक्षक आगरा और केंद्रीय सचिव को पार्टी बनाने की मांग की गई है। आपको बता दें कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद का मामला लगातार चर्चाओं में बना हुआ है। इस बीच एक नई अर्जी दाखिल की गई है। इस अर्जी में मस्जिद के नीचे मूर्ति दबी होने की बात सामने आई है।
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