सार

नागरिकता संशोधित कानून के खिलाफ यूपी के कई जिलों में प्रदर्शन लगातार जारी है। इसको लेकर बसपा प्रमुख मायावती का बयान भी आ गया है। उन्होंने कहा, नए कानून में मुस्लिम समाज की उपेक्षा हुई है। सरकार के फैसले से बसपा सहमत नहीं। मोदी सरकार भेदभाव वाली राजनीति कर रही है।

लखनऊ (Uttar Pradesh). नागरिकता संशोधित कानून के खिलाफ यूपी के कई जिलों में प्रदर्शन लगातार जारी है। इसको लेकर बसपा प्रमुख मायावती का बयान भी आ गया है। उन्होंने कहा, नए कानून में मुस्लिम समाज की उपेक्षा हुई है। सरकार के फैसले से बसपा सहमत नहीं। मोदी सरकार भेदभाव वाली राजनीति कर रही है। पाकिस्तान में की गई हिन्दुओं के साथ ज्यादती का बदला भारत के मुस्लिमों से लेना ये कदम मानवता के खिलाफ है। बीजेपी में कई नेता हैं, जिन्होंने हिन्दू लड़की से शादी की। केंद्र सरकार को बदलना लेना ही है तो पाकिस्तान के मुस्लिमों से लें, भारत के मुस्लिमों से नहीं।

बसपा प्रमुख ने कहा, पुलिस ने कैम्पस में घुसकर छात्रों के साथ ज्यादती की। जिसका संज्ञान सुप्रीम कोर्ट ने भी लिया है। जबकि नागरिकता संशोधित कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। हमारी पार्टी के संसदीय दल ने राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगा है। यूपी विधानसभा में भी बसपा इस कानून के खिलाफ खुलकर आवाज उठाएगी।

अलीगढ़, लखनऊ मऊ में हुए उग्र हिंसक प्रदर्शन
सीएए के विरोध में दिल्ली की जामिया यूनिवर्सिटी में भारी विरोध प्रदर्शन के बाद रविवार शाम को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्र सड़क पर उतर आए। छात्रों ने पुलिस पर पत्थरबाजी की। पुलिस ने आंसू गैस के गाेले छोड़कर किसी तरह स्थिति का नियंत्रित किया। इसके बाद अलीगढ़ और सहारनपुर में जिला प्रशासन ने इंटरनेट बंद करने का आदेश दिया। साथ ही एएमयू प्रशासन ने 5 जनवरी तक यूनिवर्सिटी में छुट्टी घोषित कर दी। वहीं हॉस्टल खाली कराने के लिए प्रशासन की तरफ से पुलिस से सहायता मांगी गई। 

वहीं, लखनऊ में नदवा कॉलेज के छात्र उग्र हो गए। छात्रों की पुलिस प्रशासन के साथ नोंक-झोंक भी हुई है। मऊ जिले में भी विरोध प्रदर्शन काफी उग्र हो गया। उग्र भीड़ ने सड़क पर खड़ी कई गाड़ियों के शीशे तोड़ दिए। पुलिस को प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा।

क्या है नागरकिता संशोधन बिल
नागरिकता संशोधित कानून के तहत भारत के तीन पड़ोसी इस्लामी देशों- पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से धार्मिक प्रताड़ना का शिकार होकर भारत की शरण में आए गैर-मुस्लिम लोगों को आसानी से नागरिकता मिल सकेगी।